जोधपुर। दिल्ली में डेंगू के डंक से हुई मौतों के बाद खूब राजनीति हुई लेकिन, उसके बाद दवा का बंदोबस्त भी हुआ। जोधपुर शहर में भी डेंगू का कहर जोरों पर है लेकिन यहां न तो फॉगिंग हुई है और न ही अलर्ट जारी किया गया है। नतीजा डेंगू के डंक से दो चिताएं जल उठीं। शहर के भदवासिया क्षेत्र में आधा दर्जन ऐसे रोगी सामने आए हंै, जिनकी एलाइजा टेस्ट में डेंगू होने की पुष्टि हुई है। इसके बाद क्षेत्र में लोगों को इस बात का डर सताने लगा है कि कहीं उन्हें भी डेंगू का डंक न चुभ जाए। पिछले चार दिनों में डेंगू की वजह से शहर में दो लोगों की मौत की खबर है। डेंगू ने भदवासिया में पेशे से अध्यापिका और कीर्ति नगर में एक युवक को चपेट में लिया। जिनकी बाद में मौत हो गई।
फॉगिंग के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति
बरसाती पानी की निकासी के अभाव में अभी तक कई क्षेत्रों में नमी है और वहां मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। जिला प्रशासन की ओर से अभी तक सिर्फ खानापूर्ति ही की जाती रही और कुछ जगहों को छोडक़र फॉगिंग नहीं की गई। नतीजतन मच्छरों के डंक और डेंगू के डर से पूरा शहर सहमा हुआ है।
कलक्टर हुए सख्त
जोधपुर के जिला कलक्टर विष्णुचरण मल्लिक ने शहर के दो बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी और मथुरादास माथुर अस्पताल में जाकर चिकित्सीय सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को इस बात की हिदायत दी कि डेंगू के लक्षण वाले मरीजों को स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जाए, ताकि कोई अनहोनी नहीं हो।