‘मराठा क्रांति’ से घबराई फडणवीस सरकार...

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 24 सितम्बर 2016, 08:17 AM (IST)

मुंबई। मराठा समाज के मूक क्रांति आंदोलन में लगातार बढती भीड को लेकर बीजेपी सरकार काफी चिंतित है। फडणवीस सरकार की परेशानी कारण यह है कि आंदोलन का नेतृत्व करने वाला कोई चेहरा सामने नहीं आ रहा है। सरकार आंदोलनकारियों से बात करना चाहती है लेकिन उसे नहीं पता कि वह बात किससे करे। उधर बीजेपी का दिल्ली हाईकमान फडणवीस सरकार पर दबाव बना रहा है कि किसी भी तरह से मामला शांत किया जाए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो गुजरात, राजस्थान, हरियाणा की तरह बीजेपी शासित महाराष्ट्र में भी माहौल बिगड़ सकता है।

कोपर्डी बलात्कार की घटना के बाद मराठा समाज के लोगों ने इस तरह का मूक क्रांति मोर्चा शुरू किया था। पूरी तरह से सोशल मीडिया के माध्यम से चलने जाने वाले इस आंदोलन में न तो कोई नारेबाजी होती है और न ही मंच लगाया जाता है। भाषण भी नहीं दिए जाते, यहां तक कि बैनर पोस्टर भी किसी को लाने की अनुमति नहीं है। आयोजक जिसे जो देते हैं आंदोलनकारी वही लेकर चलते हैं। लोग बड़े ही अनुशासित तरीके से कतारबद्ध होकर चलते हैं। अंत में पहले से तय कुछ चुनिंदा लोग जिला कलेक्टर को ज्ञापन देते हैं और सभी अपने-अपने घर चले जाते हैं।

मराठा समाज के लोग सभी राजनीतिक मतभेद भुलाकर इस आंदोलन में भाग ले रहे हैं। शुक्रवार को अहमदनगर के आंदोलन में कांग्रेस नेता व विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील भी शामिल हुए। इससे पहले नांदेड के आंदोलन में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, अकोला में गृह राज्य मंत्री डॉ. रणजीत पाटील के अलावा सरकार में शामिल कई मंत्री भी आंदोलन में भाग ले चुके हैं।
मराठा क्रांति आंदोलन का अगला पड़ाव आज नाशिक में होगा। उसके बाद पुणे और वाशिम में 25 सितंबर, बुलडाणा व नंदुरबार में 26 सितंबर, सांगली में 27 सितंबर, धुले में 28 सितंबर, बारामती में 29 सितंबर और सातारा में 3 अक्टूबर को आंदोलन की तारीख तय की गई है।