झांसी। देशभर में जहां डेंगू और चिकुनगुनिया की दस्तक ने लोगों को भयभीत कर रखा है वहीं दूसरी ओर नेताओं के बीच एक दूसरे को कोसने और अभ्रद्र टिप्पणी करने से बाज नहीं आ रहें हैं लेकिन जनता इन सब के बीच तमाशबीन बनी है।
जिले के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। बढ़ती डेंगू और चिकुनगुनिया से हो रही मौतों ने जनता के बीच भय का वातावरण फैसा दिया है। देश में जब राजनीति का मौहल गरमाया तो झांसी की महापौर को भी याद आया कि कोई इसको मुद्दा न बना ले। आनन-फानन में नगर निगम में बैठक बुलाई गयी और महापौर ने स्वास्थ्य अधिकारी से फागिंग की स्थिति जानी। इस पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि शहर में रोस्टिंग के अनुसार फागिंग कराई जा चुकी है।
इस सम्बन्ध में हमने जब लेागों से फागिंग के बारे में जाना तो हमें एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं मिला जिसने नगर निगम द्वारा उनके इलाके में फागिंग करने की बात कही हो। अब ऐसे में हैरानी होना भी लाजमी है। जहां दिल्ली में बीजेपी के नेता आम आदमी पार्टी को इस मुद्दे पर हर तरफ से घेरने में लगे हैं वहीं दूसरी ओर झांसी जिले का हाल देखिए जहां बीजेपी के सांसद, विधायक, मेयर और झांसी शहर राम भरोसे है।
इस सम्बन्ध में जिला चिकित्सालय के सीएमएस रमेश
चंद्र का कहना है कि अगर मच्छरों की जनसंख्या पर रोक नहीं लगी तो स्थिति विकराल
रूप ले सकती है। इस संबंध में नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी से वार्डों में होने
वाली फागिंग की जानकारी ली गई तो उन्होंने सीधे जवाब दिया कि रोस्टर के अनुसार
फागिंग हो चुकी है।
इस पर वहां मौजूद वार्ड नं. 4 के
पार्षद श्री रवि मौर्या ने बताया कि उनके वार्ड में फागिंग नहीं हुई तो स्वास्थ्य
अधिकारी झल्ला उठे और कहा तो क्या मैनें कागजों में फागिंग करा दी है। इसके बाद
उनसे फागिंग का रोस्टर मांगा तो उन्होंने देने से इंकार कर दिया और कहा कि जो
छापना हो छाप दो। मेरे हिसाब से फागिंग की जा चुकी है और मच्छर भी मर चुके हैं
दुबारा मच्छर पैदा हो जाये तो मै क्या करूं।
अब ऐसे में प्रधानमंत्री नेरेन्द्र
मोदी द्वारा चलायी जा रही स्वच्छ भारत अभियान की पोल उनके मंत्रियों ने ही खोल कर
रख दी है। शहर में हाल यह है कि जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। जनता पस्त और नेता
मस्त हैं।