नई दिल्ली। मोदी सरकार उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बडा फैसला
करने की सोच रही है। बताया गया कि सरकार ओबीसी आरक्षण में क्रीमी लेयर की
सीमा को 6 लाख से बढाकर 8 लाख रूपये सालाना करने पर विचार कर रही है।
सामाजिक न्याय मंत्रालय ने इसके लिए एक प्रस्ताव प्रधानमंत्री कार्यालय को
भेज दिया है। वहां से हरी झंडी के बाद अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह में
इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने लाया जा सकता है।
संसद के शीतकालीन सत्र में इस प्रस्ताव को संसद में रखे जाने की तैयारी हो
रही है। जानकारों के मुताबिक 5 राज्यों में होने वाले चुनावों में इस फैसले
से बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को बडा फायदा हो सकता है, खासतौर पर यूपी,
पंजाब और उत्तराखंड के चुनाव में इसका लाभ मिलने की संभावना है।
बीते साल ओबीसी कमीशन ने ओबीसी आरक्षण में क्रीमी लेयर की सीमा को 6 लाख से
बढाकर 15 लाख करने की सिफारिश की थी।
आयोग के मुताबिक आरक्षण दिए जाने के
दो दशक बाद भी देखा गया है कि तय 27 फीसदी आरक्षण में से 12-15 फीसदी जगहें
ही भर पाती हैं। इसके पीछे मुख्य वजह सालाना आय की उच्चतम सीमा का
निर्धारण है।
इसके पहले साल 2013 में केंद्र सरकार ने ओबीसी आरक्षण में क्रीमीलेयर की
सीमा को 4.5 लाख रूपये से बढाकर 6 लाख किया गया था।
मंडल आयोग की रिपोर्ट
के अनुसार 1980 में भारत में 52 फीसदी आबादी ओबीसी की थी। आयोग की यह
रिपोर्ट 1932 की जनगणना पर आधारित थी। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन ने
2006 में ओबीसी की आबादी 41 फीसदी बताई थी।