ब्रिसबेन। मनीष पांडे (77 रन) के बेहतरीन अर्धशतक के बावजूद भारत ए की टीम यहां एलन बॉर्डर फील्ड पर ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ अनधिकृत चार दिवसीय टेस्ट सीरीज के पहले मैच के पहले दिन 230 रन पर आउट हो गई। मध्यक्रम के बल्लेबाज पांडे ने 13 चौके और एक छक्का लगाया लेकिन उनके आउट होने के बाद बाकी बल्लेबाज सिर्फ 42 रन बना सके। ऑस्ट्रेलिया की ओर से मिशेल स्वेपसन ने चार विकेट लिए।
जवाब में पहले दिन का खेल समाप्त होने पर ऑस्ट्रेलिया ए ने बिना किसी
नुकसान के 24 रन बना लिए थे। कैमरून बोनक्रोफ्ट 10 और जो बर्न्स 12 रन
बनाकर खेल रहे थे। इससे पहले कप्तान नमन ओझा ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का
फैसला किया। सलामी बल्लेबाज अखिल हर्वाडकर ने 34 और फैज फजल ने 48 रन बनाए।
दोनों ने 32.1 ओवर में 74 रन जोड़े। अखिल को डेनियल वोराल की गेंद पर पीटर
हैंडस्कांब ने कैच आउट किया।
पांच ओवर बाद सलामी बल्लेबाज फजल को डेविड
मूडी ने पैवेलियन भेजा। श्रेयस अय्यर (19) और पांडे ने इसके बाद भारत को सौ
रन तक पहुंचाया। श्रेयस को स्वेपसन ने आउट किया। पांडे और करुण नायर (15)
ने इसके बाद 70 रन की साझेदारी की। पांडे के आउट होने के बाद नायर भी
ज्यादा देर टिक नहीं सके और स्वेपसन का शिकार हुए। कप्तान ओझा दो रन बनाकर
सायेर्स की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए। स्वेपसन और मूडी ने इसके बाद 2-2
विकेट लेकर भारतीय पारी को समेट दिया।
टू टीयर टेस्ट योजना के हटने से खुश है बांग्लादेश
ढाका।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के 2 टीयर टेस्ट योजना को ठंडे
बस्ते में डालने के फैसले से बांग्लादेश राहत में है। आईसीसी ने दो स्तरीय
टेस्ट प्रणाली के प्रस्ताव को थोड़े समय के लिए नजरअंदाज कर दिया है और इस
पर बांग्लादेश को खुशी है कि इससे उसके टेस्ट क्रिकेट का भविष्य अनिश्चित
की ओर नहीं जाएगा।
खेल के शासी निकाय ने आईसीसी की बुधवार को दुबई में हुई
बैठक में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार श्रीलंका,
भारत, बांग्लादेश और जिम्बाब्वे ने उस प्रस्ताव का विरोध किया था, जिसे
ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और
वेस्टइंडीज के क्रिकेट बोर्ड की ओर से समर्थन मिला था।
बांग्लादेश
क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने उस प्रस्ताव का विरोध करने के लिए कदम उठाया,
जिसमें यह सुझाव दिया गया था कि द्विस्तरीय श्रेणियों की टीमों में पहले
स्तर में सात टीमें और दूसरे स्तर में पांच टीमें होनी चाहिए। इसके साथ ही
दोनों स्तरों की टीमों के बीच संवर्धन और निर्वासन को भी माना जाना चाहिए।
आईसीसी के फैसले पर बीसीबी के अध्यक्ष नजमुल हसन ने कहा कि यह सच में एक
अच्छी खबर है।
हम समझ रहे थे कि द्विस्तरीय टेस्ट योजना का प्रस्ताव सही
नहीं है और इसलिए हमने शुरुआत से ही इसका विरोध किया। आईसीसी की घोषणा से
लग रहा है कि देश के टेस्ट क्रिकेट का भविष्य अनिश्चित की ओर नहीं जाएगा।
हसन का मानना है कि बीसीसीआई का इस प्रस्ताव के खिलाफ खड़े होना इसके खारिज
होने के पीछे का मुख्य कारण था।