महिलाओं की स्थिति मजबूत होगी, तभी समाज विकसित होगा : भडाना

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 07 सितम्बर 2016, 11:32 PM (IST)

टोंक। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री हेमसिंह भड़ाना ने कहा है कि समाज में महिलाओं की स्थिति जितनी मजबूत होगी, समाज उतना ही विकसित और प्रभावपूर्ण होगा, क्योंकि महिलाएं समाज की आधी जनशक्ति होती हैं। भडाना मंगलवार रात टोंक जिले के ग्राम जोधपुरिया में गुर्जर समाज के लक्खी मेले में मुख्य थे।
भड़ाना ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कुशल नेतृत्व में राज्य में शिक्षा के क्षेत्र लागू किए गए नवाचारों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व की भांति बालिकाओं ने सभी क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किए हैं। खाद्य मंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में अव्वल स्थान हासिल करने वाली 344 प्रतिभाओं को मेडल देकर सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने पन्नाधाय के बलिदान का उदाहरण देते हुए कहा कि त्याग और बलिदान के दम पर ही समाज आगे बढ़ता है, लेकिन यदि सही मायने में सर्वांगीण विकास करना है तो बालिकाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना ही होगा। उन्होंने लक्खी मेले की सराहना करते हुए कहा कि प्राचीनकाल से ही मेले हमारी सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक माने जाते रहे हैं।

टोंक-सवाईमाधोपुर सांसद सुखवीर सिंह जौनापुरिया ने कहा कि प्रदेश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है और न ही प्रतिभाएं किसी की मोहताज हैं, प्रतिभाओं को हर क्षेत्र में आगे बढऩे का मौका मिलना चाहिए। जौनापुरिया ने कहा कि मानव के लिए भगवान में आस्था सर्वापरि होनी चाहिए, क्योंकि भगवान ही हमें नेक मार्ग पर लेकर जाते हैं और हमारे जीवन में उनका विशेष महत्व है। प्रत्येक वर्ष भरने वाले इस मेले में पूरे देश के सभी राज्यों के श्रद्वालु अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर भगवान देवनारायण धाम पर पैदल चलकर आते हैं। इस अवसर पर सांसद जौनापुरिया ने समाज की प्रतिभाओं के साथ-साथ भामाशाओं को भी पगड़ी बांधकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
मेले में देवली-उनियारा विधायक एवं देवनारायण चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेन्द्र गुप्त गुर्जर ने लक्खी मेले के लिए की गई तमाम व्यवस्थाओं एवं आगामी योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि अनेक मुश्किलों के बावजूद हमारी संस्कृति ने विश्व में अलग पहचान बनाई है।
निवाई विधानसभा क्षेत्र के विधायक हीरालाल रैगर ने उनके क्षेत्र में आयोजित इस लक्खी मेले एवं देवधाम जोधपुरिया के इतिहास को गौरवान्वित बताते हुए कहा है कि वनस्थली विद्यापीठ के समीप इस पावन स्थल पर यदि कोई शैक्षणिक संस्थान अलग से विकसित किया जा सकता है तो यहां पढऩे वाले विद्यार्थी प्रदेश और देश की दशा और दिशा बदल सकते हैं।