वियनतियाने (लाओस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री
शिंजो आबे ने बुधवार को भारत-जापान असैन्य परमाणु सहयोग समझौते में और
उच्चगति रेल परियोजना में प्रगति की समीक्षा की।
अधिकारियों ने कहा कि मोदी ने जापान में हाल ही में आए तूफान और जुलाई में
ढाका में आतंकी हमले में जापानी नागरिकों के मारे जाने पर अपनी संवेदना
प्रकट की।
आबे ने कहा कि जापान आतंकवाद के आगे घुटने नहीं टेकेगा और
आतंकवाद से मुकाबले के क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग बढाना चाहता है।
14वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन और 11वें पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन से अलग
मोदी की यहां यह पहली द्विपक्षीय मुलाकात थी।
दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश संबंधों की मजबूती और विविधीकरण पर चर्चा
की। उन्होंने भारत में विकसित होने वाले जापानी औद्योगिक पार्को और जहाज
तोडने के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की।
दोनों नेताओं ने भारत-जापान असैन्य परमाणु सहयोग समझौते और उच्चगति रेल
परियोजना में प्रगति की समीक्षा भी की। उन्होंने क्षेत्रीय मुद्दों और
अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर भी चर्चा की।
मोदी ने कहा कि जापान के पास
प्रौद्योगिकी और नवाचार है, जबकि भारत के पास युवा शक्ति और एक विशाल बाजार
है। लिहाजा भारत-जापान साझेदारी वैश्विक उत्पाद दे सकती है और यह दोनों
देशों के लिए एक लाभकारी रिश्ता होगा। मोदी ने भारत के अवसंरचना विकास,
प्रौद्योगिकी उन्नतीकरण और कौशल विकास में जापान से मिल रहे सतत समर्थन की
प्रशंसा की।
आबे ने कहा कि वह वार्षिक शिखर बैठक के लिए मोदी के जापान दौरे को लेकर
उत्सुक हैं और इसके साथ ही उन्होंने आशा जाहिर की कि यह दौरा द्विपक्षीय
सहयोग के एक नए युग को बढावा देगा। आबे ने कहा कि 2017 जापान-भारत
सांस्कृतिक समझौते की 66वां वर्ष होगा और उन्होंने आशा जाहिर की कि भारत से
अधिक पर्यटक जापान की यात्रा करेंगे।
मोदी भारत-आसियान शिखर सम्मेलन और पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा
लेने बुधवार को लाओस पहुंचे हैं।
(आईएएनएस)