जयपुर। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती
अनीता भदेल ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र को सीखने और खेलने के केन्द्र के रूप में विकसित
किया जाएगा ताकि शून्य से छह साल के बच्चों का सर्वांगीण विकास किया जा सके।
उन्होंने
कहा कि अब प्रदेश की आंगनबाड़ी केन्द्र आंगनबाड़ी पाठशाला के रूप में जानी जाएगी, जहां पर नन्हें बच्चों को तय समय सारणी के अनुसार
पोषण एवं शिक्षा प्रदान की जाएगी।
श्रीमती भदेल बुधवार को राजधानी
में दुर्गापुरा स्थित नियाम में यूनिसेफ के सहयोग से समेकित बाल विकास विभाग के 304 परियोजनाओं के आंगनबाड़ी केन्द्र पर प्रारंभिक
बाल्यावस्था शिक्षण सामग्री पायलट कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कार्यक्रम को संबोधित
कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार प्रारंभिक बाल्यावस्था
शिक्षा बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए आंगनबाड़ी पर तीन से छह वर्ष आयुवर्ग के
बच्चों में सर्वांगीण एवं बहुमुखी विकास को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न आयामों जिसमें
भाषा विकास, शारीरिक विकास, बौद्धिक विकास एवं रचनात्मक विकास को समाहित करते
हुए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षण के माध्यम से किया जाएगा।
प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षण सामग्री पायलट यूनिसेफ के सहयोग से राज्य की प्रत्येक
परियोजना में से एक सेक्टर को आदर्श बाल्यावस्था शिक्षा सेक्टर के रूप में विकसित कर
चयनित आंगनबाड़ी केन्द्र पर कार्यकर्ता बच्चों को गतिविधि पुस्तिका, गतिविधि बैंक एवं आकलन प्रपत्र के माध्यम से शिक्षण
कार्य किया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग
के शासन सचिव कुलदीप रांका ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र पर बच्चों के
सर्वांगीण
विकास के लिए शुरू किए जा रहे प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षण सामग्री पायलट
प्रोजेक्ट
से बच्चों को न केवल पोषण व स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाएगी बल्कि प्री स्कूल
शिक्षा भी
मिल सकेगी जिससे उनके मानसिक व शारीरिक विकास को गति मिलेगी।
उन्होंने
बताया कि यह
प्रोजेक्ट प्रदेश की सभी 304 परियोजना के 4 हजार 200 आंगनबाड़ी केन्द्रों
में पहले चरण में शुरू किया जाएगा। यह कार्य
चार माह में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बेहतर परिणाम मिलने पर राज्य के सभी
आंगनबाड़ी
केन्द्रों पर इस प्रोजेक्ट के तहत शिक्षण गतिविधियां चलाई जाएगी।
विभाग के
निदेशक डॉ.
समित शर्मा ने बताया कि प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षण कार्यक्रम के
अन्तर्गत आंगनबाड़ी
केन्द्र पर नवाचार एवं इन केन्द्रों के माध्यम से दी जाने वाली शाला पूर्व
सेवाओं को
बेहतर करने के लिए जनसहयोग से 16 जून से आंगनबाड़ी चलो अभियान
कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत खिलौना बैंक स्थापना, शिक्षण सामग्री
बैंक, बच्चों के लिए यूनिफार्म, आंगनबाड़ी केन्द्र प्रवेशोत्सव कार्यक्रम
आयोजित
किए गए।