बाजीराव मस्तानी को मिली आंशिक सफलता के बाद दोगुने जोश के साथ एक और ऐतिहासिक फिल्म ‘पद्मावती’ बनाने में जुटे निर्देशक संजय लीला भंसाली के इस प्रोजेक्ट के ठंडे बस्ते में जाने की सम्भावना बनती नजर आने लगी हैं। बॉलीवुड के गलियारों में इन दिनों जिस प्रकार की चर्चाएं चल रही हैं उससे ऐसा प्रतीत होने लगा है कि संजय लीला भंसाली को अपना यह प्रोजेक्ट कुछ समय के लिए स्थगित करना पड सकता है।
ताजा प्राप्त समाचारों के अनुसार इस फिल्म के मुख्य किरदार अलाउद्दीन खिलजी
के लिए पहले से तय माने जा रहे रणवीर सिंह ने स्वयं को इस फिल्म से अलग कर
लिया है। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि वे दो नायकों वाली फिल्म नहीं
करना चाहते हैं। इस फिल्म के दूसरे सशक्त किरदार राव राजा रतन सिंह की
भूमिका के लिए शाहिद कपूर को पहले से ही फाइनल किया जा चुका है। उन्होंने
भी अपने किरदार को और मजबूत करवाने के लिए भंसाली से पटकथा में फेरबदल
करवाया है।
कहा जा रहा है कि अब भंसाली अलाउद्दीन खिलजी के लिए
शाहरुख खान को बोर्ड पर लाना चाहते हैं, लेकिन शाहरुख खान ने भंसाली के इस
प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए अपनी शर्त रख दी है। उनकी शर्त है कि
फिल्म अभी नायिका प्रधान लग रही है। इसके टाइटल में बदलाव करना होगा। यानी
‘पद्मावती’ में कुछ और जोडना होगा या पूरी तरह से इस शीर्षक को बदलना होगा।
इसके साथ ही पद्मावती पर फिल्म केन्द्रित न करके इसमें अलाउद्दीन के
किरदार को मजबूत करना होगा। शाहरुख खान की इस शर्त को सुनकर भंसाली संकट
में पड गए हैं।
इन सबसे इतर संजय लीला भंसाली के लिए दूसरी मुश्किल
फिल्म के बजट को लेकर है। सूत्रों के मुताबिक 175 करोड़ रुपये की लागत से
यह फिल्म तैयार होगी। इतने बडे बजट को लेकर कोई भी कारपोरेट हाउस खुलकर
सामने नहीं आ रहा है। जब से डिज्जी यूटीवी ने फिल्मों का निर्माण बंद करने
की घोषणा की है तब से अन्य कोई भी बडा कारपोरेट घराना बडे बजट की फिल्मों
में पैसा लगाना नहीं चाहता है। जिस तरह से कारपोरेट हाउस की बड़े बजट की
फिल्में बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी हैं, इतनी बड़ी रकम लगाने की हिम्मत
किसी में नहीं है।
भंसाली की पिछली फिल्म बाजीराव मस्तानी में इरोज
इंटरनेशनल ने पैसा लगाया था। 175 करोड की लागत वाली इस फिल्म से इरोस को
मात्र 5 करोड का मुनाफा हुआ था। पद्मावती के लिए भी इरोस ने पहले हरी झंडी
दी थी लेकिन जब उसे भंसाली ने बजट बताया तब से उन्होंने भंसाली को किसी
प्रकार का कोई जवाब नहीं दिया है। संकेत साफ है कि उन्होंने अपना हाथ पीछे
खींच लिया है। इरोज अजय देवगन की फिल्म ‘शिवाय’ से भी अपने हाथ खींच चुका
है।
भंसाली ने कई स्टुडियोज़ से बात की है, लेकिन किसी ने भी
उन्हें ठोस जवाब नहीं दिया है। वैसे भी भंसाली ने कभी कोई बड़ी हिट फिल्म
नहीं दी है। अपने समय में उन्होंने शाहरुख खान ऐश्वर्या राय को लेकर बॉक्स
ऑफिस पर सफलतम फिल्म देवदास दी थी, लेकिन तब भी इस फिल्म के निर्माता भरत
शाह को नाम मात्र का मुनाफा हुआ था।
ट्रेड विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय बॉलीवुड में अनाप शनाप खर्च कर फिल्में बनाई जा रही हैं, जिनमें बहुत ज्यादा जोखिम होता है और इतना जोखिम उठाने के लिए कारपोरेट हाउस तैयार नहीं है क्योंकि उनका घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। सीमित बजट की फिल्मों में सभी पैसा लगाना चाहते हैं। इन समाचारों को देखते हुए बॉलीवुड के गलियारों में चर्चाएं जोरों पर हैं कि हो सकता है कि संजय लीला भंसाली अपने इस महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को कुछ समय के लिए स्थगित कर दें या फिर वे कोई ऐसा फाइनेंसर ढूंढे जो उनकी इस फिल्म में इतनी बडी राशि लगाने को तैयार हो सके।