इन कारणों से CBI ने मारी हरियाणा के पूर्व सीएम हुड्डा के घर रेड

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 03 सितम्बर 2016, 4:50 PM (IST)

नई दिल्ली। सीबीआई ने शनिवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और यूपीएससी के एक वर्तमान सदस्य के घर समेत 20 स्थानों पर छापेमारी की। मामला गुडग़ांव में भूमि के अधिग्रहण में कथित अनियमितता का है।
सीबीआई ने हुड्डा के घर समेत दो पूर्व आईएएस अधिकारियों- तत्कालीन प्रधान सचिव एमएल तायल और यूपीएसएसी के सदस्य छत्तर सिंह के अलावा वर्तमान आईएएस अधिकारी एसएस ढिल्लन के परिसर की भी तलाशी ली है। एजेंसी ने इस मामले में पिछले साल सितंबर में ही मामला दर्ज किया था। आखिर सीबीआई के पास ऐसी क्या वजहें हैं जिसकी वजह से उसने पूर्व मुख्यमंत्री के घर छापेमारी की? चलिए, बताते हैं ये वजहें।

- 27 अगस्त 2004 से 24 अगस्त 2007 के बीच निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अज्ञात अधिकारियों की मिलीभगत से मानेसर, नौरंगपुर और लखनौला के किसानों और अन्य भूस्वामियों से लगभग 400 एकड़ जमीन बेहद कम दाम में खरीदी। इसके लिए उन्हें सरकारी अधिग्रहण का डर दिखाया गया था।
- इस प्रक्रिया में पहले तो हरियाणा सरकार ने गुडग़ांव जिले के गांव मानेसर, नौरंगपुर और लखनौला में औद्योगिक मॉडल टाउनशिप की स्थापना के लिए 912 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत अधिसूचना जारी की, लेकिन बाद में निजी बिल्डरों ने भूस्वामियों को सरकार द्वारा सस्ती दर पर अधिग्रहण का डर दिखाकर कथित तौर पर उनसे जमीन सस्ते दामों में हथिया ली।
- बिल्डरों के यह जमीन खरीद लेने के बाद उद्योग निदेशालय ने 24 अगस्त, 2007 को इस भूमि को

अधिग्रहण प्रक्रिया से बाहर कर दिया, जो सरकारी नीति का उल्लंघन है। यह कदम वास्तविक भू-मालिकों के बजाए बिल्डरों, उनकी कंपनियों और एजेंटों का फायदा पहुंचाने वाला था।
- इस तरह लगभग 400 एकड़ भूमि, जिसकी बाजार में उस वक्त कीमत प्रति एकड़ चार करोड़ रुपये से अधिक थी, जो कुल मिलाकर लगभग 1,600 करोड़ रुपये थी उसे निजी बिल्डरों और अन्य लोगों ने भोलेभाले भू-मालिकों से कथित तौर पर महज 100 करोड़ रुपये में खरीद लिया।
- इस अनियमितता के चलते गुडग़ांव के गांव मानेसर, नौरंगपुर और लखनौला के भू-मालिकों को 1,500 करोड़ रुपये की चपत लगा दी गई।