ऐसे में जबकि सरकार भ्रामक विज्ञापनों के लिए इसका प्रचार करने वाली हस्तियों को सजा देने हेतु नए कानून बनाने पर विचार कर रही है, अभिनेत्री कंगना रनौत का कहना है कि ब्रांड के प्रचार के लिए सितारों को दोषी ठहराना गलत है।
अभिनेत्री का कहना है कि कलाकार इन ब्रांडों का चेहरा मात्र होते हैं और इन्हें खरीदना पूर्ण रूप से उपभोक्ता पर निर्भर होता है। कंगना ने बताया, ‘‘हम ब्रांड का चेहरा मात्र होते हैं, लेकिन उपभोक्ता ही असली ताकत होते हैं। किस ब्रांड को खरीदना है? यह पूर्ण रूप से केवल उपभोक्ताओं पर निर्भर होता है।’’
केंद्र सरकार जल्द ही एक नया कानून ला सकती है, जिसके तहत विज्ञापनों के जरिए भ्रमित करने वाली हस्तियों पर कार्रवाई की जाएगी। हाल ही में कानून और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने संसद की स्थायी समिति की एक अनुशंसा को स्वीकार करते हुए कड़े प्रावधानों को लागू करने का निर्णय लिया है
जिसमें दोषी पाए जाने पर 50,00,000 रुपये तक का जुर्माना सहित जेल
की सजा भी हो सकती है। कंगना का कहना है कि उत्पाद और इसके निर्माण की
जिम्मेदारी कलाकारों पर नहीं हो सकती।
(आईएएनएस)