तो रिलीज से पहले ये नाम थे इन Superhit फिल्मो के

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 03 सितम्बर 2016, 2:03 PM (IST)

हिन्दी सिनेमा में हर साल हज़ारों की तादाद में फिल्में बनती हैं। फिल्मों को बनाने के लिए सिर्फ एक्टर-एकट्रेस की ही जरूरत नहीं बल्कि फिल्म के अच्छे नाम की भी जरूरत होती हैं। ताकि दर्शक उससे खुद को कनेक्ट कर सकें और उन्हें फिल्म देखने में दिलचस्पी आए। इतना ही नहीं फिल्म का नाम ऐसा हो जो अपने आप ही फिल्म की कहानी को बयां कर सके। जैसे कि ऋतिक रोशन की मोहनजो-दारो, फिल्म के नाम से ही पता लगता है कि फिल्म मोहनजोदारो की सभ्यता पर आधारित हैं। हाल ही में खबर है कि निर्देशक कबीर खान सलमान खान को लेकर फिल्म ट्यूब-लाइट बनाने जा रहें हैं। कोई सोच भी नहीं सकता की फिल्म का नाम ऐसा क्यों रखा गया है।आखिर फिल्म में होगा क्या कई बॉलीवुड की ऐसी फिल्में हैं जो रीलिज क्या बनने के पहले तक कुछ और नाम से जानी जाती हैं तो रिलीज के समय अचानक उनका नाम बदल दिया जाता है। कभी कंट्रोवर्सी को लेकर तो कभी ज्यादा इंटरेस्टिंग नाम को लेकर। जैसे राम लीला को गोलियों की रास लीला रामलीला कर दिया गया । इस लिस्ट में जब वी मेट से लेकर वीर जारा जैसी फिल्में भी शामिल हैं जिनके नाम बदले गए। तो आइये स्लाइड्स पर डालतें हैं एक....... नजर
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ऐ दिल है मुश्किल
ऐ दिल है मुश्किल का नाम पहले सिर्फ ऐ दिल रखा गया था लेकिन बाद में करण जौहर ने इसे बदलकर ऐ दिल है मुश्किल रख दिया।

तमाशा-विंडो सीट
जी हां रणबीर दीपिका पादुकोण की इस फिल्म का नाम विंडो सीट था जिसे बाद में तमाशा किया गया।

लव आज कल- इलास्टिक
सैफ अली खान और दीपिका पादुकोण की बहुचर्चित फिल्म लव आज कल का नाम रिलीज से पहले इलास्टिक था, जो सुनने में काफी इंट्रेस्टिंग था। जरा सोचिये अगर इसका नाम इलास्टिक होता तो आप क्या सोच पाते।

बुलेट राजा- जय राम जी की
सैफ अली खान-सोनाक्षी सिन्हा स्टारर फिल्म बुलेट राजा का भी नाम पहले जय राम जी की रखा गया था।

मद्रास कैफे-जाफना
जॉन अब्राह्म की सबसे अच्छी फिल्में में से एक मद्रास कैफे का नाम जाफना था। जाफना श्रीलंका एक शहर का नाम है । काफी कंट्रोवर्सी के बाद इसे बदला गया।

एक मैं और एक तू-शॉर्ट टर्म शादी
करीना कपूर-इमरान खान की इस फिल्म का नाम पहले शॉर्ट टर्म शादी रखी गया थी जो बाद में एक मैं और एक तू हो गई।

जब वी मेट- पंजाब एक्सप्रेस, इश्क वाया भटिंडा
निर्देशक इम्तियाज अली ने फिल्म जब वी मेट के दो नाम सोचे थे. वो भी पंजाब एक्सप्रेस, इश्क वाया भटिंडा। फिल्म का डॉयलग तो आपको याद होगा ही भटिंडा की सिखणी हूं मैं कोई डाउट मत रखना।

जब तक है जान
इस फिल्म का नाम ये कहां आ गए हम भी सही था। आखिर शाहरूख की यादाश्त भी तो चली जाती है।

कट्टी बट्टी
ओह माय गॉड!साली कुत्तिया इसका तो अच्छा ही हुआ जो बदल दिया गया वरना कंट्रोवर्सी पक्की थी।

वीर-जारा-ये कहां आ गए हम
वीर जारा तो वीर जारा ही ठीक हैं । ये कहां आ गए हम कुछ खास अच्छा भी नहीं लग रहा।