नई दिल्ली। अभी तक पीएम मोदी ने ही पीओके को लेकर खुले तौर पर बयान जारी
किया था। लेकिन अब वायुसेना प्रमुख राहा भी पीओके को लेकर मैदान में आ गये
है। गुरूवार को देश के एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने कहा है कि पीओके यानी
पाक अधिकृत कश्मीर वह कांटा है जो आज भी हमारे शरीर में चुभ रहा है। हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में
हालात का फायदा उठाने में जुटा पाकिस्तान ऎसा कुछ नहीं कर पाता, अगर कश्मीर
के एक हिस्से पर उसने कब्जा नहीं कर रखा होता।
भारतीय वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने यह बात दिल्ली में एक सेमिनार में
कही। उन्होंने कहा कि पिछली कुछ लडाइयों में वायुसेना की शक्तियों का
इस्तेमाल अच्छे तरीके से नहीं किया गया। सिर्फ 1971 में वायुसेना पूरी ताकत
से जंग में उतरी और तस्वीर बदल गई। 1965 की जंग में वायुसेना का इस्तेमाल
हुआ ही नहीं, जबकि 1947 और 1999 के करगिल में वायुसेना की भूमिका सीमित
रही। अगर हमने सेना का इस्तेमाल किया होता तो आज पीओके हमारा होता।
वायुसेना प्रमुख के मुताबिक लडाई के दौरान हमने वायुसेना का सही
इस्तेमाल नहीं किया। वायुसेना को इस बात का भी मलाल है कि 1962 में चीन के
साथ हुई जंग में भी उसे मौके नहीं मिले, वरना हालात वहां भी कुछ और होते।
राहा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में ब़डी संख्या में सैनिकों का
दस्ता, सैन्य उपकरणों, हथियार और रसद पहुंचाया गया है। इसमें भारतीय
वायुसेना ने एक बडी भूमिका निभाई। जब हम शांतिपूर्ण समाधान के लिए संयुक्त
राष्ट्र के पास गए तब ये समस्या एक उच्च नैतिक स्तर से बाहर हो गई थी।
लेकिन फिर भी समस्या का समाधान नहीं निकला।
उन्होंने कहा कि सेना और वायुसेना की कई टुकडियों को सुरक्षा के लिहाज से कश्मीर में तैनात कर दिया गया है। सुरक्षाबल घाटी में शांति बहाल करने के काम में जुटे हैं। उन्होंने भारतीय वायुसेना को भी दोनों अन्य सेनाओं की तरह मजबूत बताया और कहा कि वायुसेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिये हर दम तैयार है। उन्होंने यह भी कहा है कि वायुसेना ने जम्मू कश्मीर और कई क्षेत्रों में सेना की मदद की है।