भागलपुर। दुनिया 21वीं सदी में पहुंच गई और विज्ञान काफी ऊंचाई तक पहुंच गया, मगर अंधविश्वास है कि लोगों में खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अंधविश्वास का यह ताजा वाकिया बिहार के भागलपुर के नाथनगर का है। बाबू टोला के महेन्द्र साव के बेटे चुन्ना साव की मंगलवार शाम चंपा नदी में नहाते समय डूबने से मौत हो गई। घंटेभर बाद युवक का शव निकाला गया।
इसके बावजूद एक मौलाना ने झाडफूंक से उसे जिंदा करने का दावा करते हुए टोने-टोटके शुरू कर दिए, जो देर शाम आठ बजे से देर रात एक बजे तक चलते और लोग भी तमाशबीन बने रहे।
दरअसल, जिस समय चुन्ना साव का शव नदी से निकाला गया, तभी पड़ोस के चंपानगर मोहल्ले के मौलाना मो. भोला वहां पहुंचे और शव देखकर कहा, शरीर अभी गर्म है, यह मेरी झाडफ़ूंक से जी उठेगा। दुख में डूबे परिवार के लिए यह एक बड़ी राहत देने वाली उम्मीद थी। परिवार वाले भी उसका कहा मानकर टोने-टोटके कराने को सहमत हो गए। मौलाना ने मृतक के शरीर को नाक को खुला छोडक़र साढ़े तीन बोरा नमक से ढक दिया और फिर भरोसा दिलाया कि युवक जल्द ही जिंदा होकर सांस लेने लगेगा।
पुलिस आई और यह ड्रामा देख लौट गई
इस तमाशा के दौरान पुलिस भी पहुंच गई और शव को कब्जे में लेने
की कोशिश की, लेकिन अंधविश्वास में फंसे लोगों के सामने से पुलिस को बैरंग
ही लौटना पड़ा। देर शाम आठ बजे से देर रात तक मौलाना के तंत्र-मंत्रों का
ड्रामा चलता रहा। इस दौरान बाहरी लोगों के अंदर प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा
दी गई थी। रात एक बजे मौलाना ने हाथ खड़े कर दिए और कहा, यह अब जिंदा नहीं
हो सकता।
मृतक युवक के पिता महेन्द्र साव का कहना था शव को जब नदी से
बाहर निकाला गया था, उसी समय शरीर कड़ा हो गया था, लेकिन मौलाना ने जिंदा
करने की बात कही तो एक बार उम्मीद जगी कि बेटा फिर जी सकेगा। साढ़े तीन
बोरा नमक से बेटे के शव को ढका गया था। पांच घंटे तक उम्मीद लगाए खड़े रहे,
लेकिन बेटे की सांसें नहीं लौटीं।
आखिर पुलिस ने कब्जे में लिया शव
मौलाना की झाड़-फूंक और मंत्र-तंत्र विफल होने की खबर पाकर पुलिस एक बार फिर मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में ले लिया। इंस्पेक्टर कैशर आलम ने कहा कि रातभर लोग अंधविश्वास के चक्कर में पड़ रहे। बुधवार सुबह पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।