जोधपुर। भूतों के बारे में चाहे दुनिया भर में कितने ही मत हों लेकिन, यहां जोधपुर में एक कुंड ऐसा भी हैं जहां लोगों का मानना है कि यहां नहाने से बुरा साया उनसे दूर रहेगा। हर साल हजारों लोग यहां डुबकी लगाने आते हैं। यह अलग बात है कि विज्ञान ऐसे बातों को दकियानूसी कह कर खारिज करता है।
यहां स्थित है यह कुंड
शहर में वीर दुर्गादास पहाड़ी की तलहटी में स्थित बाबा रामदेव के मंदिर
में बने कुण्ड में देशभर से हर साल आने वाले हजारों की संख्या में
श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं। लोगों की आस्था है इस पानी में स्नान
करने से भूत भागते हंै। ऐसा नजारा हर वर्ष देखने को मिलता है । असल में
पोकरण के पास लोक देवता बाबा रामदेव के दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या
में भक्त पैदल यहां आते हैं। इसके बाद श्रद्धालु रामदेवरा के लिए प्रस्थान
करते हैं।
दुर्गंध और गंदगी का आलम
कुण्ड का पानी दुर्गंध मारता
है। सफाई कहीं नहीं होती है। पहाड़ी पर श्रद्धालु खुले में शौच करते हंै।
यहीं से बरसाती पानी कुण्ड में आता है। लेकिन आस्था के आगे बेबस श्रद्धालु
यहां आस्था की डुबकियां लगाते हैं।
दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु
जोधपुर
में इस कुण्ड के पानी में हर साल हजारों बीमार लोग इसलिए स्नान करते हैं
ताकि उन पर बुरा साया नहीं रहे। इस मेले में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़,
हरियाणा, गुजरात, पंजाब सहित पूरे राजस्थान से श्रद्धालु पैदल यात्रा कर
जोधपुर होते हुए रामदेवरा पहुंचते हैं। इन यात्रियों को स्थानीय भाषा में
जातरू भी कहा जाता है ।
नकारता है विज्ञान
हालांकि विज्ञान ऐसी बातों को नकारता है। प्रसिद्ध न्यूरो सर्जन डॉ. नगेन्द्र शर्मा बताते हैं कि ये सिर्फ अज्ञानता का प्रतीक है। न तो भूत है और न ही कोई प्रेत। यहां मानसिक बीमारियों से ग्रस्त लोग आते हैं, जिन्हें आस्था का हवाला दिया जाता है। भगवान कभी गंदे पानी में नहाने से बीमारी दूर नहीं करते हैं, उसके लिए दवा लेनी होती है।