नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने की घोषणा की है। इस निर्णय का कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने स्वागत किया है, लेकिन उन्होंने सरकार से स्पष्ट समयसीमा और कार्यप्रणाली की जानकारी मांगी है।
राहुल गांधी ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में कहा, "हमने संसद में कहा था कि जातिगत जनगणना करवा के ही मानेंगे। अब जब सरकार ने इसकी घोषणा की है, तो हम इसका समर्थन करते हैं, लेकिन हमें यह जानना है कि यह कब और कैसे पूरी की जाएगी।"
उन्होंने सुझाव दिया कि तेलंगाना का जातिगत सर्वेक्षण एक प्रभावी मॉडल है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जा सकता है। राहुल गांधी ने कहा, "तेलंगाना जातिगत गणना का एक मॉडल है और वह ब्लूप्रिंट बन सकती है।"
इसके अलावा, राहुल गांधी ने 50% आरक्षण की सीमा को हटाने और निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू करने की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय केवल सरकारी नौकरियों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि निजी क्षेत्र में भी समान अवसर सुनिश्चित किए जाने चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस फैसले का समर्थन किया और कहा कि सरकार को जल्द से जल्द बजट का प्रावधान कर, जनगणना और जातिगत गणना का काम पूरी पारदर्शिता के साथ शुरू करना चाहिए।
केंद्र सरकार की इस घोषणा के बाद, विपक्षी दलों ने इसे 'इंडिया' गठबंधन की जीत बताया है और सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया है।
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