दीनानगर। शहर में चौराहों के नामों को लेकर विवाद सुलझने की बजाय और उलझता जा रहा है। कुछ ही दिन पहले थाना चौक के नाम को लेकर शुरू हुआ विवाद अब तारागढ़ मोड़ तक पहुंच गया है। यहां विश्वकर्मा चौक और गुरु नाभा दास चौक के नाम को लेकर दो पक्षों के बीच तनातनी पैदा हो गई।
स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि वर्ष 1987 से इस मोड़ को विश्वकर्मा चौक के नाम से जाना जाता रहा है। हाल ही में उन्होंने इस चौक पर “विश्वकर्मा चौक” नामक एक स्थायी बोर्ड भी लगा दिया था। दुकानदारों का आरोप है कि नगर परिषद ने आम जनता की सहमति के बिना बोर्ड हटवा दिया और चौक का नाम बदलने की कोशिश कर रही है।
दूसरी ओर, जैसे ही विश्वकर्मा चौक का बोर्ड हटाया गया, कुछ ही देर बाद गुरु नाभा दास के समर्थक वहां पहुंचे और उन्होंने “गुरु नाभा दास चौक” का बोर्ड लगाने की कोशिश की। इस पर दुकानदारों ने कड़ा विरोध किया, जिससे दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई और देखते ही देखते माहौल गर्मा गया।
स्थिति बिगड़ते देख दीनानगर थाना प्रभारी अमृतपाल सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और भीड़ को तितर-बितर कर माहौल शांत कराया।
नगर परिषद अध्यक्ष नीतू चौहान ने पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी भी चौक का नामकरण परिषद में मतदान के बिना नहीं किया जा सकता। उन्होंने जनता से अपील की है कि किसी भी नामकरण को लेकर जल्दबाज़ी या टकराव न किया जाए।
फिलहाल, दीनानगर के तारागढ़ मोड़ पर दोनों पक्ष अपने-अपने दावों पर अड़े हुए हैं और नगर परिषद की चुप्पी से स्थिति और जटिल होती जा रही है।
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