जयपुर। स्वायत्त शासन निदेशालय के इंजीनियर और अफसरों ने किस तरह नियम-कानूनों और आऱटीपीपी नियमों को ताक में रखकर ठेकेदार फर्म को फायदा पहुंचाया। इस बात का यह ज्वलंत उदाहरण है। इससे पहले प्रकाशित समाचारों में हमने बताया कि बजट स्वीकृति से भी ज्यादा के वर्क ऑर्डर ठेकेदार फर्म को दे दिए गए। इतना ही ठेकेदार फर्म को उपकृत करने के लिए नोटशीट तक में हेराफेरी की गई।
रोचक तथ्य यह है कि विभागीय मंत्री से अनुमोदित प्रशासनिक स्वीकृति वाली टाइपशुदा नोटशीट में ठेकेदार कंपनी को करोड़ों रुपए का फायदा देने के लिए बाद में हाथ से नोटिंग लिखकर ठेकेदार फर्म को 217.29 करोड़ रुपए के 20 शहरों के ठेके देने का फ्रॉड किया गया है। इसकी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से जांच कराया जाना अतिआवश्यक है।
पिछली गहलोत सरकार में हुए इस टेंडर के खेल में इंजीनियरों, वित्तीय सलाहकार और उच्च अधिकारियों ने अनुमोदित नोटशीट में भी छेड़छाड़ करके ठेकेदार कंपनी को करोड़ों रुपए का फायदा पहुंचाया। इस टाइपशुदा नोटशीट में हाथ से एक फुटनोट जोड़ा गया, जिसमें लिखा गया कि दर संविदा की अवधि मार्च, 2024 तक है। “RTPP Rule 2013 के नियम 29 के तहत दर संविदा की अवधि में अन्य शहरो के टेंडर लगाये जाने एवं रखरखाव सम्बन्धित कार्यो हेतु कार्यादेश दिया जा सकता है।‘‘
रोचक तथ्य यह है कि फुटनोट वाली नोटशीट पर केवल डीएलबी/रुडसिको के वित्तीय सलाहकार और मुख्य अभियंता (एसबीएम) के ही हस्ताक्षर थे। निदेशक, सचिव और मंत्री के हस्ताक्षर इस पर नहीं थे। अब सवाल यह है कि इस फुटनोट का अनुमोदन कैसे हुआ। इसी फुट नोट की आड़ में ठेकेदार फर्म को एक बार 20 शहरों के 217.28 करोड़ के वर्क ऑर्डर दे दिए। जबकि सामान्यतया इस तरह के कामों के लिए कभी समानान्तर रेट कांट्रैक्ट नहीं होता है।
परफोरमेन्स गारण्टी नहीं लेकर की वित्त विभाग के नियमों की अवेहलनाः
परफोरमेन्स गारंटी नही ली जाकर ठेकेदार को वित्तीय लाभ पहुचाया व करोडों रूपये के सरकारी ठेके की सुरक्षा से खिलवाड किया गया। वित्त विभाग के आदेश दिनांक 18.12.2020 में 3 प्रतिशत परफोरमेन्स गारण्टी 31.12.2021 तक वैध थी, इसके पश्चात भी 10 प्रतिशत के स्थान पर 3 प्रतिशत राशि व वर्ष 2023-24 व अन्य कार्यो पर ठेकेदार से ली गई जबकि RUDSICO द्वारा वर्ष 2022-23 व 2023-24 से अन्य टेण्डरो से 10 प्रतिशत परफोरमेन्स गारण्टी ली गई है। रेट कान्ट्रेक्ट पर अयोग्य ठेकेदार को 225 करेाड के अतिरिक्त कार्य दिये गये, उनकी परफोरमेंस गारंटी ही नही दी गई। - खासखबर नेटवर्क
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