नई दिल्ली। देश के 70वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लगातार तीसरी बार लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया। लाल किले से बोलते हुए पीएम मोदी ने सरकार की नीति, नियत और निर्णय पर बोला तो आतंकवाद पर भी बेहद कड़ा संदेश दिया। राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम ने गरीबी खत्म करने का संकल्प लिया तो माओवादियों और आतंकवादियों को कड़े शब्दों चेतावनी भी दी। आपको बता दें कि 1947 में अग्रेजों की गुलामी से आजाद होने के बाद हर साल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लाल किले पर 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते आए हैं। अब तक 13 प्रधानमंत्रियों को लाल किले से बोलने का मौका मिला है।
आइए 70वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर याद करें उन प्रधानमंत्रियों को जिन्होंने लाल किले पर तिरंगा फहराया...
पंडित जवाहर लाल नेहरू- (15 अगस्त 1947-27 मई 1969)
देश के पहले
प्रधानमंत्री बनने का गौरव पंडित जवाहर लाल नेहरू को मिला। नेहरू को आधुनिक
भारत का सूत्रधार माना गया। बच्चों से अत्याधिक प्रेम के कारण उन्हें चाचा
नेहरू के नाम भी जाना जाता है। पंडित नेहरू के बाद गुलजारी लाल नंदा को एक
माह के लिए प्रधानमंत्री बनाया गया।
लाल बहादुर शास्त्री- (9 जून 1969-11 जनवरी 1966)
जय
जवान जय किसान का नारा देने वाले भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे लाल
बहादुर शास्त्री। उन्होंने खुद को 1920 में देश के स्वतंत्रता आंदोलन से
जोडा। वह महात्मा गांधी से काफी ज्यादा प्रभावित थे। 1965 के भारत-पाक
युद्ध के बाद उन्हें राष्ट्रीय नायक का दर्जा मिला।
इंदिरा गांधी- (24 जनवरी 1966-24 मार्च 1977, 14 जनवरी 1980-31 अक्टूबर 1984)
पंडित
नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी को 2 बार प्रधानमंत्री बनने का गौरव मिला।
इंदिरा गांधी को ऎसे वक्त पर प्रधानमंत्री का पद मिला जब देश विकास की ओर
बढ रहा था। इंदिरा गांधी के शासनकाल 1975 से 1977 के दौरान आपातकाल लगा।
मोरारजी देसाई- (24 मार्च 1977-28 जुलाई 1979)
देश
के चौथे और पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे मोरारजी देसाई। देसाई को
विदेशों में शांति सक्रियता के लिए जाना गया। खासतौर पर उन्होंने भारत और
पाकिस्तान के बीच शांति बनाने में सराहनीय काम किया। पाकिस्तान ने उन्हें
सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से नवाजा था।
चौधरी चरण सिंह- (28 जुलाई 1979-14 जनवरी 1980)
मेरठ
के एक गांव में जन्मे चौधरी चरण सिंह देश के 5वें प्रधानमंत्री बने। आजादी
के बाद चरण सिंह ने किसानों के लिए प्रभावशाली ढंग से काम किया। उनके नाम
पर दिल्ली में किसान घाट बनाया गया।
राजीव गांधी- (31 अक्टूबर 1984-2 दिसंबर 1989)
इंदिरा
गांधी की हत्या के बाद उनके बेटे राजीव गांधी को देश का नया प्रधानमंत्री
चुना गया। राजीव गांधी 40 साल की उम्र में देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री
बने। टेलीकॉम इंडस्ट्री, शिक्षा प्रणाली, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को
बढाने के लिए उन्होंने अमेरिका के साथ रिश्ते सुधारे।
विश्वनाथ प्रताप सिंह- (2 दिसंबर 1989-10 नवंबर 1990)
जनता
दल के पहले नेता विश्वनाथ प्रताप सिंह ने प्रधानमंत्री पद संभाला। सिंह
शाही परिवार राजपूत गडवाल (राठौर) में पैदा हुए। इंदिरा ने उन्हें 1980 में
उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया था।
पीवी नरसिंहा राव- (21 जून 1991-16 मई 1996)
पीवी
नरसिंहा राव वकील, राजनेता और स्वतंत्रता सेनानी थे, जो देश के नौवें
प्रधानमंत्री बने। उन्हें भारतीय आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में जाना
जाता था।
अटल बिहारी वाजपेयी- (16 मई 1996-1 जून 1996, 19 मार्च 1998-22 मई 2004)
भारतीय
राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार और देश के 10वें प्रधानमंत्री बने। वह
अकेले ऐसे सांसद रहे जो अलग-अलग समय में 4 जगहों (उत्तर प्रदेश, मध्य
प्रदेश, गुजरात और दिल्ली) से चुनाव जीते। मोरारजी देसाई सरकार में वह
विदेश मामलों के मंत्री भी रहे।
एच डी देवेगौड़ा- (1 जून 1996-21 अप्रैल 1997)
एच
डी देवेगौडा भारत के 11वें प्रधानमंत्री और कर्नाटक के 14वें मुख्यमंत्री
बने। देवेगौडा 1953 में नेशनल कांग्रेस पार्टी जुडे और 1962 तक साथ निभाया।
आर के गुजराल- (21 अप्रैल 1997-19 मार्च 1998)
भारतीय
राजनेता आई के गुजराल देश के 12वें प्रधानमंत्री रहे। वह एचडी देवेगौडा के
बाद राज्य सभा के दूसरे पीएम थे। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भी
हिस्सा लिया और 1942 में जेल भी गए।
मनमोहन सिंह- (22 मई 2004 से 26 मई 2014)
मनमोहन
सिंह भारत के 13वें प्रधानमंत्री रहे। जाने माने अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह
दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो 5 साल का कार्यकाल खत्म करने के बाद दोबारा
पीएम बने। प्रधानमंत्री बनने वाले वह देश के पहले सिख भी है।
नरेंद्र मोदी- (26 मई 2014 से अब तक )
नरेंद्र
मोदी ने 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। मोदी भारत के 15वें और
स्वतंत्र भारत में जन्मे पहले प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने 70वें स्वतंत्रता
दिवस पर लाल किले की प्राचीर पर तीसरी बार तिरंगा फहराया।