चंडीगढ़। नए साल की शुरुआत के साथ ही मौसम में बदलाव का दौर शुरू हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार आज यानी एक जनवरी 2025 से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। यह धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम भारत को प्रभावित करेगा, जिससे ठंड का असर और बढ़ने की संभावना है।
पश्चिमी विक्षोभ का असर : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि इस विक्षोभ के कारण हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी होगी। हरियाणा राज्य में तीन जनवरी तक मौसम आमतौर पर शुष्क रहेगा, लेकिन ठंडी हवाओं के असर से तापमान में गिरावट आएगी। डॉ. खीचड़ ने बताया कि उत्तरी व उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलने से दिन व रात के तापमान में गिरावट आएगी। इसके चलते सुबह और रात के समय ठंड का असर तेज हो सकता है।
हरियाणा में कोहरा और बारिश की संभावना : इस दौरान प्रदेश के कुछ इलाकों में सुबह के समय हल्का कोहरा छाए रहने की संभावना है। हालांकि 5 और 6 जनवरी को पश्चिमी विक्षोभ के असर से प्रदेश के कई इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। यह बारिश खेती-किसानी के लिए फायदेमंद हो सकती है, खासकर जहां रबी की फसल बोई गई है।
पश्चिमी विक्षोभ क्या है? : पश्चिमी विक्षोभ एक प्रकार का मौसम सिस्टम है जो भूमध्य सागर से उठकर पश्चिमी और उत्तरी भारत की ओर बढ़ता है। यह सिस्टम अक्सर सर्दी के मौसम में सक्रिय रहता है और बर्फबारी और बारिश का कारण बनता है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर भारत में ठंड का असर ज्यादा महसूस होता है।
सर्दी से बचाव के उपाय : इस ठंड के मौसम में सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। ठंडी हवाओं से बचने के लिए गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करें और गर्म पेय पदार्थों का नियमित सेवन करें। खासकर बुजुर्गों और बच्चों को ठंड से बचाने के लिए उनका खास ख्याल रखना चाहिए।
किसानों के लिए सलाह : कृषि वैज्ञानिकों ने मौसम में हो रहे बदलाव को ध्यान में रखते हुए किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की सलाह दी है। हल्की बारिश से फसलों को फायदा हो सकता है, लेकिन कोहरे के कारण पाला पड़ने की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
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