नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने गुरूवार को हाईकोर्ट ने
अपना पक्ष रखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व अन्य आप नेताओं पर एक
साथ दीवानी और आपराधिक मुकदमा चलाए जाने को जायज ठहराया।
उन्होंने कहा है कि मानहानि के दीवानी और आपराधिक मुकदमा एक साथ चलाए जाने
से केजरीवाल व अन्य आप नेताओं को कोई नुकसान नहीं होगा।
जेटली ने यह दलील
मुख्यमंत्री केजरीवाल की ओर से दाखिल याचिका के जवाब में दी। याचिका में
केजरीवाल ने जेटली द्वारा एक ही मुद्दे पर मानहानि के आपराधिक और दीवानी
मुकदमा दाखिल किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
जस्टिस पीएस तेजी के समक्ष जेटली की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा
ने केजरीवाल की याचिका को खारिज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि
केजरीवाल जानबूझकर मामले की सुनवाई को लटकाना चाहते हैं, इसलिए इस तरह की
याचिका दाखिल कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने निचली अदालत के 19 मई के
आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस आदेश में निचली अदालत ने केजरीवाल व
आप के अन्य नेताओं की उस को मांग को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने
हाईकोर्ट में दीवानी मुकदमा का निपटारा होने तक आपराधिक मानहानि के मुकदमें
की सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की थी।
केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने कहा था कि जेटली ने
उनके मुवçक्कल व आप के अन्य नेताओं के खिलाफ एक ही मसले को लेकर मानहानि का
आपराधिक और दीवानी मुकदमा दाखिल किया है। उन्होंने कहा है कि एक ही आरोपों
पर दो मुकदमे दाखिल नहीं किए जा सकते। जेठमलानी ने कहा है कि ऎसे में मानहानि के आपराधिक या दीवानी कोई एक मुकदमा चलाया जाए।
डीडीसीए में कथित वित्तीय अनियमितता के आरोपों में अपना व परिवार का नाम
घसीटे जाने पर वरिष्ठ भाजपा नेता जेटली ने केजरीवाल के अतिरिक्त आम आदमी
पार्टी के नेता आशुतोष, कुमार विश्वास, राघव चड्डा, संजय सिंह और दीपक
बाजपेयी के खिलाफ आपराधिक और दीवानी मुकदमा दाखिल किया है। निचली अदालत मे
जेटली ने केजरीवाल व अन्य को जेल भेजने की मांग की है जबकि हाईकोर्ट में
उन्होंने 10 करोड रूपये की क्षतिपूर्ति की मांग की है।