राजकोट। गुजरात के ऊना में दलित पिटाई पर सियासत रुकने का नाम नहीं ले रही है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बाद अब आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दलित पीडि़तों से मिलने राजकोट अस्पताल पहुंचे। उन्होंने यहां सिविल अस्पताल में भर्ती दलित युवकों से मुलाकात की और उनका हालचाल भी पूछा।
केजरीवाल से मुलाकात के बाद पीडि़तों ने कहा कि हम राजनेताओं से विनती करते हैं, वे हमारा उपयोग न करें, इस पर राजनीति न करें। हमें केवल इंसाफ दिलाया जाए।
पीडि़त भावेश मकवाणा ने कहा, ‘मैं दोनों हाथ जोडक़र विनती करता हूं। पहले
आनंदी बेन आई, फिर राहुल आए और अब केजरीवाल आए। आप सब पीडि़तों से मिले,
अच्छा है लेकिन सबसे विनती है कि हमारे साथ राजनीति नहीं करना और हमारा
उपयोग मत करना। हम छोटी जाति के हैं। हमारे साथ न्याय करो। जो अत्याचार कर
रहे हैं उनको पकड़ो, इतनी हमारी अपील है। पीडि़त वसराम सरवैया ने कहा कि सब
हमारे पास आये, हमारी खबर ली। हमने कहा, हम पर अत्याचार हुआ है, हमें
न्याय दो। दलितों पर जो अत्याचार हुआ है उस पर न्याय मिले। उन्होंने बताया
कि केजरीवाल ने पिटाई का वीडियो देखकर कहा बेहद खराब बर्ताव हुआ।
दूसरी
तरफ, मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने गुजरात के भाजपा सरकार पर जमकर
हमला बोला। अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि युवकों की पिटाई के पीछे
आरोपियों और पुलिस की मिलीभगत है। केजरीवाल ने गुजरात सरकार पर भी दलितों
का दमन करने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने गुजरात सरकार को दलित विरोधी भी
बताया। केजरीवाल के मुताबिक, पहले भी दलितों पर कई हमले हुए, लेकिन किसी की
गिरफ्तारी नहीं हुई।
खुदकुशी नहीं, आंदोलन करें
साथ ही
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल उन दलितों से मिले जिन्होंने आत्महत्या की
कोशिश की थी। केजरीवाल ने उनसेे मुलाकात के दौरान कहा, दलितों को अन्याय के
खिलाफ आंदोलन करना चाहिए, खुदकुशी नहीं। केजरीवाल ने कहा कि रह्वाजुला में
कुछ दलितों के साथ अत्याचार का मामला उनकेे संज्ञान में आया है। उन्होंने
आरोप लगाया कि पुलिस-प्रशासन सही कार्रवाई नहीं कर रही है।
इसके बाद
जूनागढ़ में अरविंद केजरीवाल पार्टी कार्यकर्ताओं से भी मिलेंगे। अमरेली
में दलित रैली के दौरान हुई हिंसा में मारे गए पुलिस कॉन्सटेबल के परिजनों
से भी अरविंद केजरीवाल मिलेंगे।
दरअसल, गुजरात के ऊना में दलितों की
पिटाई पर संसद से लेकर सडक़ तक राजनीति हो रही है। इससे पहले गुरुवार को
कांग्रेेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ऊना पहुंचे थे और उनसे पहले बुधवार को
सूबे की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने भी ऊना का दौरा किया था और पीडि़त
परिवार से मुलाकात की थी। बता दें कि 11 जुलाई को ऊना में चार दलितों को
कार से बांधकर सरेआम पिटाई की गई थी। दलितों की पिटाई का आरोप शिवसेना
कार्यकर्ताओं पर लगा था। इन दलित युवकों पर आरोप था कि ये गायों को मार कर
उनकी खाल उतार रहे थे। इसके बाद ऊना में चार दलितों पर हुए अत्याचार के
विरोध में एकसाथ सात लोगों ने सामूहिक तौर पर खुदकुशी की कोशिश की। इस घटना
ने आग में घी डालने का काम किया।
सौराष्ट्र के राजकोट, जूनागढ़, अमरेली
सहित कई इलाकों में जबरदस्त हिंसा भडक़ गई थी। दलित की भीड़ ने सरकारी बसों
में जमकर तोडफ़ोड़ और आगजनी की। अमरेली में भी दलित रैली के दौरान पुलिस बल
पर भी पथराव किया गया था। इसमें एसपी सहित कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए
थे। इस दौरान एक पुलिस कॉन्स्टेबल की मौत भी हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने
दलितों की पिटाई के आरोप में पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया था। इस
मामले की जांच सीआईडी की रही है।