नई दिल्ली। यहां के त्यागराज स्टेडियम में 10 हजार से भी ज्यादा दर्शकों की मौजूदगी में रविवार (16 जुलाई) रात भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह ऑस्ट्रेलिया के कैरी होप को हराकर डब्ल्यूबीओ एशिया पैसिफिक सुपर मिडिलवेट चैंपियन बन गए। विजेंदर ने मुकाबला 296-274 से जीता।
विजेंदर सभी 10 राउंड में होप पर हावी रहे। यह विजेंदर का पहला प्रोफेशनल खिताब है। 30 वर्षीय विजेंदर ने पिछले साल ही प्रोफेशनल बॉक्सिंग में कदम रखा था और यह उनकी लगातार 7वीं जीत रही। दूसरी ओर, होप पिछले 12 साल से प्रोफेशनल बॉक्सिंग में सक्रिय हैं।
विजेंदर ने गजब की तकनीक और फुटवर्क दिखाया। शुरुआती राउंड में अपर कट चूकने के बाद विजेंदर 7वें राउंड में होप को नॉकआउट करने के करीब पहुंच गए थे। विजेंदर पूर्व में अमेच्योर बॉक्सिंग में नं.1 मुक्केबाज रहे हैं।
आईए अब नजर डालते हैं विजेंदर सिंह के सफर पर :-
विजेंदर सिंह का जन्म 29 अक्टूबर 1985 को हरियाणा के भिवानी जिले के
कालुवास गांव में हुआ था। विजेंदर की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई और
इसके बाद उन्होंने बेचलर की डिग्री भिवानी स्थित एक कॉलेज से ली। विजेंदर
भिवानी बॉक्सिंग क्लब में ही मुक्केबाजी का अभ्यास करते थे, जहां कोच जगदीश
सिंह ने उनकी प्रतिभा को पहचान उन्हें प्रोत्साहित किया। बाद में विजेंदर
को भारतीय मुक्केबाजी कोच गुरुबख्श सिंह संधू ने भी कोचिंग दी थी।
राष्ट्रीय
स्तर पर कई पदक जीतने के बाद विजेंदर को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय
प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला, जिनमें 2004 का
एथेंस ओलंपिक व 2006 के कॉमनवैल्थ गेम्स भी शामिल हैं। दोहा में आयोजित
2006 के एशियन गेम्स में विजेंदर ने कांस्य पदक जीता। उन्हें सेमीफाइनल में
कजाकिस्तान के बखतियार अर्तायेव ने हराया।
वर्ष 2008 के बीजिंग
ओलंपिक में विजेंदर ने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया, जो चार साल से होने वाले
खेलों के महाकुंभ में भारत की ओर से मुक्केबाजी में हासिल किया गया पहला
पदक था। विजेंदर ने क्वार्टर फाइनल में इक्वेडोर के कार्लोस गोंगोरा को 9-4
से हरा ब्रोंज मेडल पक्का किया था।
ओलंपिक में जीत के बाद विजेंदर
को कई पुरस्कारों से नवाजा गया, जिनमें भारत का खेल के क्षेत्र में दिया
जाने वाला सर्वोच्च सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न और देश का चौथा सर्वोच्च
नागरिक सम्मान पद्म श्री अवार्ड भी शामिल था।
वर्ष 2009 में
विजेंदर ने विश्व एमेच्योर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और कांस्य
पदक जीता। उसी साल इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (एआईबीए) ने विजेंदर को
वार्षिक मिडिलवेट श्रेणी में 2800 अंक के साथ नंबर एक मुक्केबाज घोषित
किया।
विजेंदर को वर्ष 2012 के लंदन ओलंपिक में भी भारत के लिए
खेलने का मौका मिला। हालांकि वे वहां बीजिंग वाली सफलता दोहरा नहीं पाए। 75
किग्रा. श्रेणी में विजेंदर क्वार्टर फाइनल में उजबेकिस्तान के अब्बोस
एतोएव से 13-17 से हार गए। विजेंदर ने वर्ष 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों
(कॉमनवेल्थ गेम्स) में रजत पदक जीता। वे फाइनल में इंग्लैंड के बॉक्सर
एंटोनी फॉवलर से पराजित हो गए थे।
विजेंदर ने 29 जून 2015 को
प्रोफेशनल (पेशेवर) बॉक्सिंग को अपनाकर अपने अमेच्योर (गैर पेशेवर) करिअर
पर विराम लगा दिया। विजेंदर ने आईओएस स्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट की मदद से
क्वींसबेरी प्रमोशंस के साथ कई साल का अनुबंध कर लिया। इस कारण विजेंदर अब
रियो ओलंपिक में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
विजेंदर ने प्रोफेशनल
बॉक्सिंग में धमाकेदार एंट्री की और एक के बाद एक कुल सात मुकाबले जीत लिए
हैं। विजेंदर ने 10 अक्टूबर 2015 को मैनचेस्टर (यूके) में इंग्लैंड के सोनी
व्हाइटिंग को, सात नवंबर को डबलिन (आयरलैंड) में इंग्लैंड के डीन गिलेन
को, 19 दिसंबर को मैनचेस्टर (यूके) में बुल्गारिया के सामेत हुसेनोव को, 12
मार्च 2016 को लिवरपूल (यूके) में हंगरी के एलेक्जेंडर होरवथ को, 30
अप्रेल को लंदन (यूके) में फ्रांस के माटिओज रोयर को, 13 मई को बोल्टन
(यूके) में पोलैंड के आंद्रजेज सोल्ड्रा को और 16 जुलाई को दिल्ली में
ऑस्ट्रेलिया के कैरी होप को धूल चटाई।
छह फुट लंबे विजेंदर को बढ़िया
पर्सनलिटी और डेशिंग लुक्स के चलते बॉलीवुड में भी मौका मिला। विजेंदर की
फिल्म फगली 13 जून 2014 को रिलीज हुई थी। विजेंदर अभिनेता सलमान खान के गेम
शो 10 का दम के एक एपिसोड में मलिका शेरावत के साथ नजर आए थे।
विजेंदर ने डांस रियलिटी शो नच बलिए में बिपाशा बासू के साथ ठुमके लगाए थे। विजेंदर एमटीवी रियलिटी टीवी शो रोडीज में जज की भूमिका में दिखे। जवां दिलों की धड़कन विजेंदर अभी सिंगल हैं। फैंस को उम्मीद है कि एमेच्योर के बाद प्रोफेशनल बॉक्सिंग में भी झंडे गाड़ रहे विजेंदर आगे भी कई उपलब्धियां हासिल कर देश का नाम यूं ही रोशन करते रहेंगे।