उदयपुर। हार्टफुलनेस संस्थान श्रीरामचंद्र मिशन, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में हर दिल ध्यान- हर दिन ध्यान के ध्येय के साथ शनिवार को उदयपुर के एम बी कॉलेज ग्राउंड पर तीन दिवासीय योग महोत्सव शुरु हुआ।
।योग महोत्सव समन्वयक आरएएस मुकेश कुमार ने बताया कि इसमें विशेषज्ञों द्वारा निःशुल्क आसन, प्राणायाम, मुद्रा, पोलेरिटी, ब्राइटर माइंड्स योगिक प्राणाहुति सहित ध्यान करवाया गया। प्रथम दिन
अयोजन के शुभारंभ पर प्रातः कालीन सत्र में पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा, उप अधीक्षक चेतना भाटी, जय नारायण व्यास विश्वविध्यालय के कुलपति डॉ एस एस सारंगदेवत, डॉ उमा शंकर शर्मा पूर्व कुलपति एम पी यू ए टी, उदयपुर नगर निगम के उपमहापौर पारस सिंघवी ने दीप प्रज्ज्वलित कर योग महोत्सव का शुभारंभ किया।
सांय कालीन सत्र में जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने योग महोत्सव में भागीदारी कर आयोजकों का उत्साह वर्धन किया। उन्होंने कहा कि आज के व्यस्ततम दौर में तनाव मुक्त जीवन के लिए ऐसे आयोजन महत्वपूर्ण हैं। योग महोत्सव में डॉ सारंगदेवोत और अन्य अतिथियों ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि तनाव भरे इस युग में योग से ही सुखद और निरोगी जीवन के साथ तनावमुक्त दिनचर्या की सौगात पाई जा सकती है। भाग लेने वाले अतिथियों ने प्राणाहुति द्वारा करवाए गए गाइडेड मेडिटेशन में सुखद अनुभूति प्रकट की। उन्होंने इस सरल योग और ध्यान प्रणाली को अपने जीवन में अपनाने की बात कही।
उदयपुर केंद्र समन्वयक डॉ राकेश दशोरा ने बताया कि आज की योग क्रियाएं उच्च रक्त चाप प्रबंधन पर फोकस थी। शाम के सत्र में वेटेरिनरी कॉलेज वल्लभनगर के अधिष्ठाता अपने 40 विद्यार्थियो के साथ सम्मिलित हुए। योग महोत्सव में एम एल एस यू के योग समन्वयक डॉ दीपेंद्र सिंह चौहान एवम उनके 100 योग फैकल्टी व विद्यार्थियो ने भाग लिया। इसी के साथ लगभग एक हजार शहर वासियों ने योग किया और अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर एम पी यू ए टी के सामुदायिक विज्ञान महाविध्यालय में विकसित और उत्पादित पोषक अनाजों से बने बिस्किट एवम कुकीज भी रखी गई जिसमे सभी अगंतुको ने विशेष रुचि दिखाई।सेवानिवृत्त प्रोफसर डॉ. केके सक्सेना ने प्रातः कालीन सत्र में और मधु मेहता ने ध्यान करवाया।
रोचक रहा बंद आंखों से नोट का नंबर पढ़ना
योग महोत्सव में ब्राइटर माइंड की समन्वयक वरुणिका ने बताया कि उनके निर्देशन में प्रशिक्षित बच्चो ने बंद आंखों से, दी गईं बॉल्स के रंग, कार्ड्स पर लिखे अंक और शब्द तथा दर्शक दीर्घा से दिए नोटों के अंक और विजिटिंग कार्ड पढ़ कर सबको आश्चर्य चकित कर दीया। उन्होंने बताया कि 5 से 15 वर्ष के बच्चो को प्रशिक्षण दिया जाता है जिससे उनके मस्तिष्क के दोनों भाग आपस में नए न्यूरॉन्स से जुड़ते हैं और अधिक समन्वित रूप से कार्य करते है। यह दर्शाता है कि मानव मस्तिष्क के कार्य करने की सीमा असीम है। यहां बताई आसान एक्सरसाइज से व्यस्कों की कार्य क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है।
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