राइट टू हेल्थ बिल पर भिड़ंत : डॉक्टरों ने सभी अस्पतालों में ओपीडी बंद रखने का किया ऐलान, कार्य बहिष्कार करने पर सरकार ने दिया कार्रवाई का आदेश

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 28 मार्च 2023, 6:44 PM (IST)

जयपुर। राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल (आरटीएच) बिल पर सरकार और निजी अस्पताल संचालक, डॉक्टर आमने सामने आ गए हैं। दोनों एक कदम पीछे हटने को तैयार नहीं है। डॉक्टरों ने इस बिल के विरोध में गुरुवार को पूरे राज्य में मेडिकल सेवाएं बंद रहेंगी। प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टरों के समर्थन में अब सरकारी हॉस्पिटल के सभी रैंक के डॉक्टरों ने कल पूरे दिन सामूहिक कार्य बहिष्कार का निर्णय किया है। वहीं सरकार ने आदेश जारी कर दिए है कि कार्य बहिष्कार करने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मेडिकल कॉलेज के सभी विभागाध्यक्षों को भी निर्देश दिए हैं कि कर्तव्य के प्रति लापरवाही, राजकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, दुर्व्यवहार करने वालों का पंजीयन तत्काल प्रभाव से रद्द करना प्रारंभ करें।


मेडिकल ऑफिसर और पीएचसी-सीएचसी के डॉक्टर्स की यूनियन अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ(अरिसदा) ने पूर्व में ही 29 मार्च को कार्य बहिष्कार की घोषणा कर रखी है। अब सरकारी मेडिकल कॉलेज के टीचर्स भी उनके समर्थन में आ गए हैं। इसमें सीनियर प्रोफेसर, प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर रैंक की फैकल्टी शामिल है। राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. धनजय अग्रवाल ने बताया- बंद के दौरान केवल ओपीडी का बहिष्कार रहेगा। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों और आईसीयू में भर्ती मरीजों को इलाज पूरा दिया जाएगा। इसके लिए हमने यहां व्यवस्थाएं करते हुए डॉक्टर्स की राउंड दी क्लॉक ड्यूटी लगाई है। जयपुर में एसएमएस हॉस्पिटल में आज एसएमएस सुपरिंटेंडेंट ऑफिस के बाहर इकट्‌ठा हुए डॉक्टरों ने इसकी घोषणा की।


उधर, राज्य सरकार ने आदेश दिए हैं कि राज्य सरकार के अधीन कर्मचारी के कार्य बहिष्कार करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करें। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य व विभागाध्यक्षों से कहा गया है कि कर्तव्य के प्रति लापरवाही, राजकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, दुर्व्यवहार करने वालों का पंजीयन तत्काल प्रभाव से रद्द करना प्रारंभ करें। साथ अस्पतालों में ओपीडी, आईपीडी, आईसीयू व आपातकालीन सेवाएं निर्बाध रूप से संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सभी डॉक्टर, शिक्षक, चिकित्सक, रेजिडेंट्स, पैरामेडिकल एवं नर्सिंग स्टाफ की उपस्तिथि निर्धारित प्रपत्र के माध्यम से विभाग को भिजवाएंगे। विशेष परिस्थितियों में ही इनका अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा। अवकाश स्वीकृति किए बिना अनुपस्थित रहने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
हड़ताल के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका
सूत्रों के मुताबिक डॉक्टरों की हड़ताल के खिलाफ कुछ लोगों ने जनहित याचिका दायर की गई। इस मामले में जल्दी ही सुनवाई होने वाली है। आपको बता दें कि प्राइवेट अस्पतालों व डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों व उनके परिजनों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी डॉक्टरों से हड़ताल खत्म करने की अपील कर चुके हैं।


रेजिडेंट्स पिछले एक सप्ताह से हड़ताल पर


प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टरों के इस आंदोलन में रेजिडेंट्स डॉक्टर्स भी पिछले एक सप्ताह से हड़ताल पर हैं। इस कारण पहले ही मेडिकल कॉलेज से अटैच हॉस्पिटल में व्यवस्थाएं बिगड़ रही हैं। ओपीडी और वार्डों में भर्ती मरीजों को संभालने का काम रेजिडेंट्स ही करते हैं। ऐसे में कल अगर हड़ताल पूरे प्रदेश में रहती है तो मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ेगी। प्राइवेट हॉस्पिटलों में पहले से ही इलाज बंद कर रखा है।




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