हरियाणा बजट पासः विधायक आदर्श ग्राम योजना का पैसा अब शहरों में भी खर्च कर सकेंगे

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 22 मार्च 2023, 07:46 AM (IST)

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा बजट सत्र के दौरान सदन में कहाकि विधायक आदर्श ग्राम योजना के तहत अब विधायक 2 करोड़ रुपए की राशि गांवों के साथ-साथ शहरों में भी खर्च कर सकेंगे। इस योजना को भी विधायक आदर्श नगर एवं ग्राम योजना कहा जाएगा। इसके तहत विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक नोडल अधिकारी होंगे। उन्होंने कहाकि यदि कोई अधिकारी उपयोगिता प्रमाण-पत्र (यूसी) समय पर नहीं देता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री के जवाब के बाद विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 का बजट सर्वसम्मति से पारित हो गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिसार जिले के गांव बालसमंद में बनने वाले कन्या महाविद्यालय का नाम स्वर्गीय चौधरी भजनलाल के नाम पर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में 4 हजार प्ले-वे स्कूल खोलने की घोषणा के अलावा वर्ष 2023-24 में 4 हजार प्ले-वे स्कूल खोले जाएंगे। सदन में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा सरकार पर कर्ज से संबंधित दिए गए आंकड़ों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 नवंबर, 2022 से लेकर अब तक 5 बार उन्होंने अलग-अलग कर्ज के आंकड़े दिए हैं। गलत आंकड़े देना नेता प्रतिपक्ष की ही छवि को ही धूमिल करता है। राज्य सरकार लगातार भौतिक विकास के साथ-साथ सामाजिक सुधार के काम भी कर रही है। हम विपक्ष की आलोचनाओं से नहीं डरते, बल्कि हमारे व्यवस्था परिवर्तन के काम जारी रहेंगे।
हरियाणा पर वर्तमान में कर्ज घटा हैः
मनोहर लाल ने बताया कि पब्लिक डेब्ट यानी कर्ज के अंदर तीन मद शामिल होते हैं। विपक्ष इन सभी मदों को एक साथ मिलाकर कर्ज के आंकड़े बताता है, जो कि सही नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 में स्टेट पब्लिक इंटरप्राइजेज के तहत कर्ज 69,922 करोड़ रुपए था, जबकि वर्ष 2021-22 में 47,211 करोड़ रुपए है। इस प्रकार वर्तमान में कर्ज घटा है। हमारी जीएसडीपी लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में यह लभगग 10 लाख करोड़ रुपए तक हो गई है। कर्ज की सीमा जीएसडीपी के 25 प्रतिशत थी जो कोविड के दौरान 33 प्रतिशत कर दी गई थी। हम आज भी 26-27 प्रतिशत के अंदर है। जबकि पंजाब 48 प्रतिशत पर पहुंच गया है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पर 14,334 करोड़ रुपए का कर्ज था, जिसे हमने 6000 करोड़ रुपए कम करके 8,434 करोड़ रुपए पर ले आए हैं। हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम पर 13,881 करोड़ रुपए का कर्ज था, लगभग 7 हजार करोड़ रुपए कम करके 6,944 करोड़ रुपए पर ले आए हैं। उन्होंने कहाकि वर्ष 2014-15 बिजली निगमों पर लगभग 37 हजार करोड़ रुपए से अधिक कर्ज था, जो घटकर 14,800 करोड़ रुपए रह गया है। बिजली निगमों का 25,850 करोड़ रुपए उद्यम स्कीम का कर्ज राज्य सरकार ने अपने खाते में लिया था। बिजली निगम लाभांश में है।
प्रदेश में बढ़ी निवेश की रफ्तारः
मुख्यमंत्री ने कहाकि हमारे कार्यकाल में प्रदेश में निवेश की रफ्तार बढ़ी है। जनसंख्या के आधार पर हरियाणा निवेश के मामले में देश में तीसरे नंबर पर है। पहले स्थान पर प्रति व्यक्ति निवेश यानी 303 रुपए के साथ कर्नाटक है। 108 रुपए के साथ महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर और हरियाणा में 90 रुपए के साथ तीसरे स्थान पर है। हरियाणा का वित्त प्रबंधन अच्छा है। हरियाणा निरंतर प्रगति कर रहा है। जीएसटी लागू होने के बाद कुछ समय के लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को 14 प्रतिशत कम्पनसेेशन देने की बात कही थी। जीएसटी काउंसिल के निर्णय के अनुसार जितना पैसा राज्यों को देना बकाया है, उसके लिए ऋण लिया गया है। यह ऋण राज्य सरकार के खाते में दर्शाया जाता है। जबकि इस ऋण को केंद्र सरकार ही चुकाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लगभग 10 हजार करोड़ रुपए पुरानी पेंशन योजना के तहत दिए जा रहे हैं। नई पेंशन योजना के तहत 1225 करोड़ रुपए दिये जा रहे हैं। भविष्य में यह 10 हजार करोड़ रुपए नई पेंशन योजना में चले जाएंगे।
लोकल ऑडिट सिस्टम को करेंगे मजबूतः
सीएम मनोहर लाल ने कहा राज्य सरकार पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों को स्वायत्त करने की ओर अग्रसर है। वे अपना बजट खुद बनायेंगे और स्वयं खर्च करेंगे। केंद्र एवं राज्य वित्त आयोग से मिलने वाले पैसे मिलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार लोकल ऑडिट सिस्टम को प्रभावी बना रही है। जनता का जो भी पैसा विकास कार्यों पर खर्च होगा, उन सभी का ऑडिट किया जाएगा।

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