कोचिंग सस्थानों पर कंट्रोल के लिए जल्द विधेयक लाया जाएगाः राजेंद्र यादव

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 21 मार्च 2023, 2:57 PM (IST)

जयपुर। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि कोचिंग संस्थानों पर नियन्त्रण के लिए द राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूटस (कन्ट्रोल एंड रेग्यूलेशन) बिल-2023 प्रक्रिया में है। इसे जल्द पेश किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार को राइट टू हैल्थ और एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर विरोध का सामना करना पड़ रहा है। वकीलों ने जहां न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया हुआ है। वहीं डॉक्टरों पर राजधानी जयपुर में दो बार लाठीचार्ज हो चुका है।
यादव प्रश्नकाल में सदस्यों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के 16 और 17 जनवरी-2023 को आयोजित चिन्तन शिविर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोचिंग संस्थानों पर नियन्त्रण के लिए विधेयक के प्रारूप पर स्टेक होल्डर्स से सुझाव आमंत्रित करने के निर्देश दिए थे। इन निर्देशानुसार विभाग द्वारा 17 जनवरी 2023 को विधेयक की प्रति विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करने के साथ समाचार-पत्रों में प्रकाशित कर 27 जनवरी 2023 तक सुझाव मांगे थे। विधेयक पर स्टेक हॉल्डर्स के सुझावों के लिए 27 जनवरी 2023 को बैठक भी की गई थी। उन्होंने बताया कि संबंधित विधायक को भी विधेयक की प्रति भिजवा दी जाएगी।
इससे पहले उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने विधायक बाबूलाल नागर के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण एवं इनमें अध्ययनरत विद्यार्थियों को मानसिक संबल प्रदान करने के लिए विभाग द्वारा 11 नवंबर 2022 को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने दिशा-निर्देशों की प्रति सदन के पटल पर रखी। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्ति कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण हेतु विधेयक द राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूटस (कन्ट्रोल एंड रेग्यूलेशन) बिल, 2023 लाया जाना प्रक्रियाधीन है।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा 11 नवंबर 2022 को जारी दिशा-निर्देश को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए इसकी सतत मॉनिटरिंग राज्य स्तरीय समिति द्वारा की जा रही है। जिला स्तरीय समितियां दिशा निर्देशों की कड़ाई से पालना करवा रही हैं। उन्होंने बताया कि इस हेतु संबंधित जिला कलक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों को पत्र 8 फरवरी 2023 एवं 15 फरवरी 2023 को लिखे गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित अधिनियम बनने के बाद उसके प्रावधानों के तहत आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

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