सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं करके किसानों को घाटे में ला रही सरकार : कुमारी सैलजा

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 18 मार्च 2023, 1:11 PM (IST)

चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहाकि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की बेरूखी के कारण किसान की सरसों मंडियों में बुरी तरह पिट रही है। सरकारी खरीद न होने के कारण किसानों को औने-पौने दाम में सरसों बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। एमएससी से कम दाम पर सरसों की बिक्री होने से किसानों को घाटा हो रहा है। इस घाटे की भरपाई के लिए गठबंधन सरकार को आगे आना चाहिए। भावांतर योजना के तहत किसान को आर्थिक तौर पर मदद पहुंचानी चाहिए।
कुमारी सैलजा ने यहां जारी एक बयान में कहाकि हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, कुरुक्षेत्र, करनाल, नूंह समेत कई जिलों की मंडियों में सरसों की आवक शुरू हो चुकी है। हर रोज किसान अपनी फसल लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं। लेकिन सरकारी खरीद न होने से उन्हें मायूसी हाथ लग रही है। सरसों का सरकारी समर्थन मूल्य 5450 रुपए प्रति क्विंटल है। लेकिन, व्यापारियों द्वारा किसानों से बहुत कम दाम पर सरसों खरीदी जा रही है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि फसल का एक-एक दाना खरीदने की गारंटी प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को दी जानी चाहिए। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किसी भी कारण से रजिस्ट्रेशन कराने से वंचित रहे किसानों का भी एक-एक दाना खरीदा जाना चाहिए। सरसों में नमी का बहाना बनाते हुए खरीद से इंकार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। हैफेड की ओर से सरसों की जिस कॉमर्शियल खरीद का दावा किया जा रहा है, उसमें 38 प्रतिशत तेल और नमी की शर्त बिल्कुल भी व्यवहारिक नहीं है। इन शर्तों को तुरंत हटाया जाना चाहिए।

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