राइट टू हैल्थ बिलः प्राइवेट अस्पतालों ने फिर शुरू किया सरकारी योजनाओं का बहिष्कार

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 18 मार्च 2023, 07:06 AM (IST)

जयपुर। राइट टू हैल्थ बिल के विरोध में प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों और डॉक्टरों ने फिर विरोध शुरू कर दिया है। इसके तहत अस्पतालों ने शनिवार सुबह से ही मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना और आरजीएचएस जैसी सरकारी योजनाओं का बायकाट कर दिया है। इसके साथ ही शनिवार रात्रि 8 बजे से सभी प्राइवेट अस्पतालों को 21 मार्च तक बंद रखने का ऐलान किया है। बता दें कि राइट टू हैल्थ बिल 21 मार्च, 2023 को ही विधानसभा में पारित कराया जाना प्रस्तावित है। डॉक्टर और प्राइवेट अस्पताल इस विधेयक में कुछ और संशोधन की मांग कर रहे हैं। इससे पहले यह बिल विधानसभा की प्रवर समिति से पास कराया जा चुका है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राजस्थान मीडिया प्रभारी डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल और डॉक्टरों को विधेयक के विरोध में आंदोलन पर इसलिए उतारू होना पड़ा है। क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ 23 फरवरी, 2023 को हुई वार्ता के बिंदुओं का उनके अधिकारी पालन नहीं कर रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री गहलोत ने भरोसा दिलाया था कि राइट टू हैल्थ विधेयक डॉक्टरों की भावनाओं के अनुरूप ही बनाकर पारित कराया जाएगा। इसके बाद ज्वाइंट एक्शन कमेटी की मुख्य सचिव ऊषा शर्मा के साथ बातचीत में कई बिंदुओं पर सहमति बन गई थी। लेकिन, कुछ बिंदु ऐसे हैं जिन पर सहमति बनाया जाना बहुत जरूरी है।
विधेयक का दुबारा विरोध क्योंः
डॉ. संजीव गुप्ता के मुताबिक प्राइवेट अस्पतालों और डॉक्टरों की मांग है कि राइट टू हैल्थ बिल 50 बेड से ज्यादा वाले अस्पतालों पर ही लागू हो। क्योंकि उनके पास मल्टी स्पेशियिलिटी की सुविधाएं होती हैं। इससे कम बेड वाले अस्पताल, नर्सिंग होम और प्राइवेट क्लिनिक के पास ब्लड बैंक, ऑक्सीजन, ऑपरेशन जैसी सुविधाओं का अभाव रहता है। दूसरे इसमें इमरजेंसी यानि आपात स्थिति की परिभाषा भी स्पष्ट होनी चाहिए। इसके अलावा कुछ अन्य बिंदु भी हैं।

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