नई दिल्ली। पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती के शिवलिंग का जलाभिषेक करने पर देशभर में बहस छिड़ गई है। महबूबा मंगलवार को पुंछ के नवग्रह मंदिर गईं थीं, वो पूरे मंदिर में घूमीं और शिवलिंग पर जल चढ़ाया। उन्होंने मंदिर में बनी यशपाल शर्मा की मूर्ति पर फूल चढ़ाए। भाजपा ने महबूबा के मंदिर में जाने को ड्रामा करार दिया है और देवबंद ने इसको इस्लाम के खिलाफ बताया है।
भाजपा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह एक ड्रामा है। कभी महबूबा ने अमरनाथ धाम के लिए जमीन देने से इनकार कर दिया था। इससे पहले महबूबा मुफ्ती 2017 में गांदरबल के खीर भवानी मंदिर में भी जा चुकी हैं। तब वे जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री थीं। उधर, देवबंद को मुफ्ती का मंदिर में जाना रास नहीं आया। असद कासमी ने कहा कि ये इस्लाम के खिलाफ है। महबूबा ने जो किया है वो सही नहीं है। उनका मंदिर जाना और शिवलिंग पर जल चढ़ाना इस्लाम की मान्यताओं के खिलाफ है।
जम्मू-कश्मीर भाजपा के प्रवक्ता रनबीर सिंह पठानिया ने कहा कि 2008 में महबूबा मुफ्ती और उनकी पार्टी ने अमरनाथ धाम के लिए जमीन के अलॉटमेंट का विरोध किया था। श्रद्धालुओं के लिए इस जमीन पर निवास स्थान बनाए जाने थे। अब उनका मंदिर जाना केवल एक ड्रामा है। इससे उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा। अगर राजनीतिक ड्रामों से कुछ हासिल होता तो जम्मू-कश्मीर आज समृद्धि का बाग बन गया होता।
इसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह मुल्क गंगा जमुनी तहजीब वाला देश है। यहां हम सब एक दूसरे के धर्म की इज्जत करते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे श्रद्धा के साथ किसी ने पानी का लोटा बहुत ही प्यार से दिया था, मैंने पानी डाल दिया। यह बिल्कुल निजी मामला है। इस पर बहस नहीं होना चाहिए।
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