हकलाने वाले लडक़े से भडक़ाने वाले जाकिर नाइक का सफर

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 07 जुलाई 2016, 2:09 PM (IST)

मुंबई। इस समय मक्का में मौजूद 50 साल के इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक की कहानी किसी फिल्मी से कम नहीं है। जाकिर इन दिनों खूब चर्चा में हैं। ढाका के रेस्तरां में 20 लोगों की हत्या करने वाले दो हमलावरों रोहन इम्तियाज और निबरस इस्लाम को जिन तीन उपदेशकों ने प्रेरित किया था उनमें से एक जाकिर नाइक भी हैं।

बचपन में हकलाने वाले जाकिर ने सेंट्रल मुंबई के टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड बीवाईएल चैरिटेबल हॉस्पिटल से अपने एमबीबीएस के आखिरी साल में दक्षिण अफ्रीका के इस्लामिक उपदेशक अहमद दीदत का लेक्चर सुना था। यह 1980 के दशक के आखिर की बात है। अंग्रेजी में लेक्चर देने वाले दीदत ने उस समय दूसरे धर्मों के मुकाबले इस्लाम को महान साबित करके काफी नाम कमा लिया था। दीदत को देखकर ही जाकिर हकलाने वाले लडक़े से आज के प्रसिद्ध इस्लामिक उपदेशक बने।

जाकिर ने नवभारत के एक पत्रकार को करीब 10 साल पहले बताया था, ‘दीदत का भाषण सुनने के बाद मैंने फैसला किया कि मैं ज्यादा समय तक मेडिकल प्रैक्टिस नहीं करूंगा। मुझमें दीदत के जैसा बनने की चाह जाग गई थी।’ जाकिर का सफर करीब से देखने वाले उनके एक पारिवारिक मित्र ने बताया, ‘वह अंग्रेजी में लेक्चर देने वाले दीदत का क्लोन बन गया।’
जाकिर नाइक का दावा है कि उनके फेसबुक पर 1.4 करोड़ फॉलोअर्स हैं और उनके पीस टीवी के 20 करोड़ दर्शक हैं। उनके पीस टीवी को भारत में लाइसेंस प्राप्त नहीं है, पर वह केबल ऑपरेटरों की मदद से इसे भारत में भी दिखाते हैं। जाकिर के प्रवक्ता का कहना है कि वह पीस टीवी के ब्रैंड एंबेसडर हैं, पर इसके मालिक नहीं हैं। जाकिर को भारत और दुनिया भर से भारी मात्रा में जकात के रूप में दान मिलता है। उनका मझगांव में इस्लामिक इंटरनेशनल स्कूल है। जाकिर के स्कूल का दौरा कर चुके एक एजुकेशन ऐक्टिविस्ट ने बताया कि इस महंगे स्कूल में बताया जाता है कि इस्लाम सबसे महान धर्म है।

इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक पीस टीवी नामक चैनल के साथ ही इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन नाम की संस्था के भी फाउंडर हैं। इसके दफ्तर मुंबई के डोंगरी इलाके में है। जाकिर अपना उद्बोधन उर्दू या अरबी नहीं देकर अंग्रेजी में देते हैं और इनके उद्बोधन में इस्लाम और दूसरे धर्मों के बीच तुलनात्मक तर्क होते हैं और कोशिश होती है कि इस्लाम को सब धर्मों के ऊपर स्थापित किया जाए। जाकिर ने 1991 मंं इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की थी। इसके अलावा मुंबई में इस्लामिक इनंटरनेशनल स्कूल और युनाइटेड इस्लामिक यूथ की स्थापना की, जिसमें गरीब बच्चों को स्कॉलरशिप और शिक्षा दी जाती है।

जाकिर ने दुनियाभर में घूम घूम कर धर्म पर डिबेट किया है और इस्लाम का संदेश पहुंचाया है। जाकिर जिन मुद्दों पर बोलते हैं वे हैं- Islam and Christianity; Islam and Securarism; Western power Domination Muslim World…जाकिर के उपदेश और स्पीच के सीडी और डीवीडी बहुत पॉपुलर हैं और इंटरनेट भी उपलब्ध हैं।
वर्ष 2006 में जाकिर नाइक ने धर्मगुरु श्री श्री रविशंकर से भी खुले मंच तर्क-वितर्क किया था। इसका विषय था- Concept of God in Islam and Hinduism.  वर्ष 2007 में जाकिर नाइक ने मुंबई के सोमैया मैदान में दस दिनोंके पीस कॉन्फ्रेंस का भी आयोजन कियाथा। नाइको को ब्रिटेन और कनाडा ने साल 2010 में प्रवेश देने से मना कर दिया था।
इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन का दावा है कि पीस टीवी का प्रसारण 125 देशों में हो रहा है। एशिया, मध्य पूर्व, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीकी महाद्वीपों में यह चैनल देखा जा रहा है। जाकिर नाइक का कहना है कि उसका मकसद है उन मुसलमान युवाओं को जगाना जो अपने धर्म को लेकर निराश हैं और सोचते हैं कि उनका धर्म सामयिक नहीं रह गया है।

आतंक के मुद्दे पर नाइक को कई बार आलोचना का शिकार भी होना पड़ा है। नाइक ने ओसामा बिन लादेन को आतंकी मानने से मना कर दिया था। उनके ओसामा वाले बयान की काफी आलोचना हुई थी। जुलाई, 2008 में दिए भाषण में नाइक ने कहा था कि 9/11 ट्विन टावर के हमले खुद अमेरिकी सरकार के इशारे पर हुए थे। नाइक के उत्तेजनात्मक भाषणों के चलते ब्रिटेन और कनाडा ने उनकी एंट्री पर बैन लगा रखा है।
2011 से नाइक ने मुंबई में कोई भी कॉन्क्लेव नहीं किया है, क्योंकि खुद इस्लाम समुदाय के कुछ लोगों को जाकिर से शिकायत थी। इसके चलते 2011 से कोई कॉन्क्लेव नहह्वीं हुआ है। वहीं, पुलिस ने भी नाइक को मुम्ब्रा में कॉन्क्लेव की इजाजत नहीं दी थी। जाकिर नाइक भारत और विदेशों में लंबे समय तक विवादों में रहे हैं, लेकिन अब ढाका में आतंकी हमले के बाद जाकिर नाइक एक बार फिर विवादों में है, क्योंकि बांग्लादेशी हुकूमत से खबर है कि 7 में से दो आंतकी जाकिर नाइक के उपदेशों से प्रभावित थे।
एनआईए सूत्रों की मानें तो हैदराबाद मॉड्यूल का मुखिया मोहम्मद इब्राहिम यजदानी ने एजेंसी को बताया है कि वह भी जाकिर नाइक से बहुत ज्यादा प्रभावित था। शरिया कानून लाने के लिए उसको प्रेरणा जाकिर नाइक से ही मिली थी, साल 2010 में उसने मुंबई आकर जाकिर नाइक का कॉन्क्लेव भी अटेंड किया था।
हालांकि इस पर औपचारिक रूप से सरकार कुछ भी बोलने से बच रही है, पर अगर महाराष्ट्र सुरक्षा एजेंसियों और एनआईए की मानें तो जाकिर नाइक पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर है। उनके वीडियो की जांच की जा रही है। मुंबई पुलिस उनके दफ्तर पर भी पहुंची है।