शुरू हुआ फाल्गुन, इसी माह पड़ेगी शिवरात्रि और होली

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 06 फ़रवरी 2023, 11:45 AM (IST)

माघी पूर्णिमा के साथ ही माघ मास की समाप्ति हो चुकी है और 6 फरवरी, 2023 दिन सोमवार से फाल्गुन महीना शुरू हो गया है। यह माह 7 मार्च तक चलेगा। 7 मार्च को होलिका दहन होगा, उसके बाद 8 मार्च से चैत्र का महीना शुरू हो जाएगा। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक नए साल का पहला महीना चैत्र और आखिरी फाल्गुन होता है। इसे फागुन मास भी कहा जाता है। इसके बाद हिंदू नव वर्ष शुरू हो जाता है। फाल्गुन तीज-त्योहारों वाला महीना होता है। साथ ही इसमें मौसमी बदलाव भी होते हैं। वसंत ऋतु की शुरुआत इसी हिंदी महीने में होती है ।

फाल्गुन महीने के शुरुआती 13 दिन बाद शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। ये पर्व चौदहवीं तिथि यानी कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर मनाया जाता है। पुराणों के मुताबिक इस तिथि पर ही भगवान शिव लिंग रूप में प्रकट हुए थे। ये पर्व इस बार 18 फरवरी को है। फाल्गुन महीने के खत्म होने पर यानी आखिरी दिन होलिका दहन होता है जो कि 7 मार्च को है। इसके बाद रंगों का त्योहार मनाते हैं, जो 8 मार्च को मनेगा।

इस महीने की दोनों चतुर्थी (9 व 23 फरवरी) पर भगवान गणेश की पूजा और व्रत किया जाएगा। दोनों एकादशी—16 फरवरी और 3 मार्च—पर भगवान विष्णु के लिए व्रत उपवास रखा जाएगा।
शास्त्रोक्त मान्यता है कि फाल्गुन मास की पूर्णिमा को महर्षि अत्रि और देवी अनुसूया से चंद्रमा की उत्पत्ति हुई थी। इस कारण इस दिन चंद्रमा की विशेष आराधना कर चंद्रमा से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना की जाती है।

इस हिंदी महीने में भगवान विष्णु की आराधना करने से उनकी कृपा मिलती है। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की आराधना विभिन्न तरह के सुगंधित फूलों से करने का विधान बताया गया है। फाल्गुन में श्री कृष्ण की पूजा करने से समृद्धि और सुख बढ़ता है। इस महीने में शंख में सुगंधित जल और दूध भरकर भगवान का अभिषेक करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इस महीने भगवान श्री कृष्ण को माखन-मिश्री का नैवेद्य लगाने से आरोग्य और समृद्धि मिलती है।

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