आईआईटी मद्रास द्वारा विकसित मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम 'भरोस' का सफल परीक्षण

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 24 जनवरी 2023, 6:58 PM (IST)

नई दिल्ली। आईआईटी मद्रास ने एक स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम 'भरोस' विकसित किया है। मंगलवार को दो केंद्रीय मंत्रियों ने इस स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम 'भरोस' का सफल परीक्षण किया। केंद्रीय शिक्षा एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ 'भरोस' का सफल परीक्षण किया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि देश के गरीब लोग एक मजबूत, स्वदेशी, भरोसेमंद और आत्मनिर्भर डिजिटल बुनियादी ढांचे के मुख्य लाभार्थी होंगे। उन्होंने कहा कि संपूर्ण सरकारी ²ष्टिकोण के साथ नीति प्रवर्तकों को बढ़ावा देना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ²ष्टि का एक प्रयुक्त प्रयोग है। उन्होंने कहा कि 'भरोस' डेटा गोपनीयता की दिशा में एक सफल कदम है।

आईआईटी मद्रास इनक्यूबेटेड फर्म ने - एक स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित किया है, जो भारत के 100 करोड़ मोबाइल फोन यूजर को लाभ पहुंचा सकता है। 'भरोस' नामक इस सॉफ्टवेयर को कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ हैंडसेट पर इंस्टॉल किया जा सकता है। यह यूजर के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करता है और 'आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान है।

आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि का कहना है, भरोस सर्विस एक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है, जो भरोसे की बुनियाद पर बना है। यह यूजर को केवल उन्हीं ऐप्स को चुनने और उपयोग करने के लिए अधिक स्वतंत्रता, नियंत्रण और लचीलापन प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करता है जो उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप हों। यह अभिनव प्रणाली यूजर को अपने मोबाइल उपकरणों पर सुरक्षा और निजता के बारे में सोच के तरीके में क्रांति लाने का वादा करती है।

इसके अलावा, प्रोफेसर कामकोटि ने कहा, आईआईटी मद्रास हमारे देश में भरोस के उपयोग और अपनाने को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य निजी उद्योग, सरकारी एजेंसियों, सामरिक एजेंसियों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर काम करने की इच्छा रखता है।

भरोस में नो डिफॉल्ट ऐप्स (एनडीए) सुविधा है। इसका अर्थ है कि यूजर को उन ऐप्स का उपयोग करने के लिए मजबूर नहीं किया जाता है, जिनसे वे परिचित नहीं हो सकते हैं या जिन पर वे भरोसा नहीं कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह ²ष्टिकोण यूजर को उन परमीशन पर अधिक नियंत्रण रखने की स्वतंत्रता देता है जो उनके डिवाइस पर ऐप्स में उपलब्ध हैं, क्योंकि वे केवल उन ऐप्स को परमीशन देना चुन सकते हैं जिन पर वे अपने डिवाइस पर कुछ सुविधाओं या डेटा तक पहुंचने के लिए भरोसा करते हैं।
--आईएएनएस

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे