डिजिटल और इंडस्ट्री लिंक एजुकेशन के लिए जरूरी है 'शिक्षकों की शिक्षा'

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 16 जनवरी 2023, 1:59 PM (IST)

नई दिल्ली | स्कूल तेजी से डिजिटल हो रहे हैं। इसके बाद अब शिक्षक गेमिंग के जरिए भी छात्रों को एजुकेट कर सकेंगे। वहीं डिजिटल और ऑनलाइन शिक्षा को सुगम बनाना भी एक हद तक टीचर्स के स्किल्स पर निर्भर है। विभिन्न पाठ्यक्रमों को सीधे उद्योगों की आवश्यकता से लिंक किया जा रहा है। इसलिए ट्रांस्फॉर्मेशन के इस दौर में शिक्षकों को शिक्षा और ट्रेनिंग की आवश्यकता है।

केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों ने इसपर काम शुरू भी किया है। हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए शिक्षकों के कौशल विकास पर और अधिक जोर देने की आवश्यकता है। शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारों, शैक्षणिक संस्थानों और समाज को मिल कर काम करना होगा ताकि हमारे छात्र इंडस्ट्री 4.0 के लिए तैयार हो जाएं।

वहीं दूसरी ओर कोविड-19 महामरी के बाद भी शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव आए हैं। शिक्षा आपूर्ति और सीखने के बेहतर परिणामों के लिए डिजिटल और डिस्टेंस एजुकेशन पर काफी ध्यान दिया रहा है। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार 30 लाख से अधिक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों ने कोविड-19 महामारी के दौरान डिजिटल ट्रेनिंग प्राप्त की। यह संख्या एक नई प्रगति को दर्शाती है। मंत्रालय ने इससे आगे बढ़ते हुए ऑनलाइन पोर्टल 'निष्ठा' के माध्यम से 50 लाख से अधिक स्कूली शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है।

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक निष्ठा के सभी 18 ट्रेनिंग मॉड्यूल महामारी के दौरान ऑनलाइन उपलब्ध कराए गए और ये हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, असमी, बोडो, गुजराती, कन्नड़, ओडिया सहित 10 क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किए गए हैं।

इस विषय पर जानकारी देते हुए सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन के अनुस्टुप नायक ने आईएएनएस को बताया, ''शैक्षणिक संस्थानों को चाहिए कि आगामी वर्षों में उच्च गुणवत्ता के साथ शिक्षक प्रशिक्षण पर ध्यान दें। एक स्टैंडअलोन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला की अहमियत तो है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला अधिक प्रभावी होगी जब थ्योरीज और सिद्धांतों पर जोर देने के बजाय वांछित कौशल के प्रदर्शन और अभ्यास पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाए। शिक्षक प्रशिक्षण के माध्यम से किसी शिक्षक के व्यवहार में परिवर्तन के लिए यह जरूरी है कि कक्षा में अवलोकन, कोचिंग और नियमित फीडबैक के साथ इसका अनुपालन किया जाए।''

टॉपरैंकर्स के सीईओ गौरव गोयल भी शिक्षकों की शिक्षा को आवश्यक मानते हैं, उनका कहना है कि आज स्कूल तेजी से डिजिटल हो रहे हैं इसलिए भी शिक्षकों के कौशल विकास और डिजिटल कौशल वर्धन की जरूरत है। इसकी मदद से वे गेमिंग जैसे टूल के साथ छात्रों से बेहतर जुड़ पाएंगे और उन्हें मन लगा कर सीखने का अनुभव देंगे। गोयल के मुताबिक शैक्षणिक संस्थान टेक्नोलॉजी में प्रगति के अनुरूप मुख्य पाठ्यक्रम के साथ शिक्षण कौशल पर जोर दे सकते हैं। इसकी मदद से शिक्षक छात्रों से संवाद करने और सीखने के नए आयामों को आसानी से संभाल पाएंगे।

जानकारों का तो यह भी कहना है कि वर्ष 2023 में बच्चों की विशेष आवश्यकताओं के मद्देनजर शिक्षकों के लिए कार्यशालाएं और कोर्स शुरू करना जरूरी है। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों के परिणामस्वरूप छात्रों के लिए सीखने का सकारात्मक और समावेशी परिवेश बनेगा और सीखने का नया अनुभव मिलेगा।

इस संबंध में फॉर्च्यून इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस की कार्यकारी निदेशक राधिका श्रीवास्तव कहती हैं, ''दुनिया का हर प्रोफेशन अपने में बदलाव लाता है या बेहतर होने के लिए सुधार के दौर से गुजरता है। शिक्षा कोई अपवाद नहीं है, शिक्षक छात्रों की पढ़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वे अपने विषय में पूरी तरह तैयार और जानकार हों। उन्हें वर्तमान व्यावसायिक रुझानों और कार्य प्रक्रियाओं की अच्छी समझ होनी चाहिए। साथ ही, छात्रों को ये कांसेप्ट सिखाने के लिए आवश्यक कौशल और रणनीतियां भी चाहिए।''

श्रीवास्तव ने बताया कि अच्छे शिक्षक प्रशिक्षण प्रोग्राम का लाभ लेकर शिक्षक व्यावसायिक शिक्षा के नवीनतम अनुसंधान और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं से अवगत होंगे और अपने छात्रों से जुड़ाव बढ़ाने और उन्हें सहयोग देने में अधिक सक्षम होंगे। शिक्षक प्रशिक्षण का प्रावधान कर स्कूल उच्च गुणवत्ता के शिक्षक आकर्षित करने और सेवारत रखने में सफल होंगे जिसके परिणामस्वरूप छात्र सीखने के बेहतर परिणाम देंगे।

वहीं केंद्र सरकार की 'निष्ठा' जैसी पहल से लाखों शिक्षकों की क्षमता का विकास हो रहा है। एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण के माध्यम से स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी। लेकिन इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों, शैक्षणिक संस्थानों और समाज को मिल कर काम करते हुए इस दिशा में एक लंबा सफर तय करना है(आईएएनएस)

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