अवैध खनन गतिविधियों पर रोक और वैध खनन को बढाचा देना राज्य सरकार की नीति - एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 03 दिसम्बर 2022, 1:19 PM (IST)

जयपुर । अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि राज्य सरकार माइनिंग क्षेत्र में अवैध खनन पर रोक और वैध खनन को बढाचा देने की नीति के साथ आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि झुन्झुनू और सीकर जिले में आयरन ओर व कॉपर सहित खनिजों के विपुल भण्डार है ऐसे में अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही अनवरत रुप से जारी रखी जाएं। उन्होंने आयरन ओर के अवैघ खनन व परिवहन की चर्चा करते हुए कहा कि विभागीय अधिकारियों द्वारा लादी का वास व काली खेड़ा में अवैध गतिविधियों पर प्रभावी कार्यवाही कर सकारात्मक संदेष दिया है, यह अधिकारियों का सराहनीय प्रयास है और इस तरह के प्रयास भविष्य में भी जारी रखा जाए।

एसीएस डा. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि खेतडी कॉपर के कारण समूचे विश्व में राजस्थान की पहचान है और अब यूरेनियम के विपुल भण्डार मिलने के साथ ही राजस्थान देश दुनिया में नया अध्याय लिखने जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को राजस्व लक्ष्यों की शतप्रतिशत वसूली तय करने के निर्देश देने के साथ ही कहा कि एमनेस्टी योजना के दायरें में आने वाले सभी प्रभावितों से संपर्क साधकर वसूली करें। उन्होंने खनिज खोज कार्य में तेजी लाने, ऑक्शन के लिए नए ब्लॉक तैयार करने और खनन सुरक्षा मानकों की पालना सुनिश्चित कराने, पर्यावरण संरक्षण और समय समय पर शिविर लगाकर खनिज श्रमिकों में अवेयरनेस लाने के निर्देश दिए।

गौरतलब है कि एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल फील्ड में जाने के अधिकारियों को आदेश देने तक ही सीमित नहीं रह कर स्वयं फील्छ में जाकर वहां की समस्याओं और गतिविधियों का जायजा ले रहे हैं। डॉ. अग्रवाल ने श्रीसीमेंट के लीज क्षेत्र, आसपास के खनिज इलाकों और हिन्दुस्तान कॉपर के अधिकारियों यूनिट हेड श्रीकुमार, व एस गुहा के साथ कॉपर प्लांट व अण्डरग्राउण्ड खदान कोलियान का बारीकी से मुआयना किया। उन्होंने लीजधारकों को वृक्षारोपण करने व कॉपर के अधिकारियों को सुरक्षा मानकों की पालना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पर्याव्रण संरक्षण व श्रमिकों के स्वास्थ्य व कार्यस्थल पर मास्क आदि आवश्यक सुविधाएं सुनिष्चित करना दायित्व है और इसमें किसी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए। वे कॉपर प्लांट की गतिविधियों व कार्यप्रणाली से प्रभावित हुए और समस्याओं की भी जानकरी प्राप्त की।

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