द कश्मीर फाइल्स: एक भी दृश्य व संवाद झूठा हो तो फिल्म बनाना छोड़ दूंगा

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 30 नवम्बर 2022, 12:13 PM (IST)

इजराइली फिल्म मेकर नदाव लैपिड द्वारा द कश्मीर फाइल्स को प्रोपेगंडा फिल्म करार देने के बाद से देश में एक बार फिर से द कश्मीर फाइल्स चर्चाओं में आ गई है। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर इस वर्ष 350 करोड़ का कारोबार करते हुए न सिर्फ दर्शकों को अपितु सिनेमा से जुड़े व्यक्तियों को भी हैरान कर दिया था। विवादों के बीच घिरी इस फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने एक खुला चैलेंज दिया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर फाइल्स का एक डायलॉग या एक भी सीन झूठा निकला तो मैं फिल्में बनाना छोड़ दूंगा।

दरअसल, इजराइली फिल्म मेकर नदाव लैपिड ने सोमवार को फिल्म फेस्टिवल के दौरान इसे वल्गर और प्रोपेगेंडा फिल्म बता दिया। इसी के बाद से फिल्म को लेकर विवाद हो रहा है। लैपिड ने यह बयान गोवा में 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के समापन समारोह में दिया।

विवेक ने वीडियो जारी किया, बोले- 700 लोगों के रिश्तेदारों को सरेआम काट दिया गया
कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने फिल्म को झूठा बताने वाले लोगों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि 700 लोगों के व्यक्तिगत साक्षात्कार के बाद ये फिल्म बनी है। क्या वो 700 लोग, जिनके मां-बाप भाई-बहनों को सरेआम काट दिया गया। गैंग रेप किया गया। दो टुकड़ों में बांट दिया गया। क्या वो सब लोग प्रोपेगैंडा और अश्लील बातें कर रहे थे? जो पूरी तरह से हिन्दू लैंड हुआ करता था, आज वहां हिन्दू नहीं रहते हैं। उस लैंड में आज भी चुन-चुनकर हिंदुओं को मारा जाता है। क्या ये प्रोपेगैंडा और अश्लील बात है? यासीन मलिक अपने टेरर के जुल्मों को कबूल करके जेल में सड़ रहा है, क्या ये प्रोपेगैंडा और अश्लील बात है? इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में कश्मीर फाइल्स पर कंट्रोवर्सी के बाद मंगलवार को विवेक अग्निहोत्री ने ये वीडियो जारी किया।

विवेक ने आगे कहा- दोस्तों ये बार-बार सवाल उठता है कि कश्मीर फाइल्स एक प्रोपेगैंडा फिल्म है। मतलब वहां कभी हिंदुओं का जिनोसाइड हुआ ही नहीं। तो आज मैं इन बुद्धिजीवियों और अर्बन नक्सल को चैलेंज करता हूं। इजराइल से आए महान फिल्ममेकर को भी चैलेंज करता हूं कि कश्मीर फाइल्स का एक डायलॉग, एक शॉट या एक इवेंट कोई प्रूव कर दे कि ये पूरी तरह से सत्य नहीं है, तो मैं फिल्में बनाना छोड़ दूंगा।

अनुपम खेर बोले- ये फिल्म नहीं अब एक आंदोलन है
अनुपम खेर ने भी एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर फाइल्स का सच कुछ लोगों के गले में कांटे की तरह अटक गया है। वो ना उसे निगल पा रहे है ना उगल। इस सच को झूठा साबित करने के लिए उनकी आत्मा (जो मर चुकी है) बुरी तरह से छटपटा रही है। पर हमारी ये फिल्म अब एक आंदोलन है, फिल्म नहीं।

लैपिड ने कहा था. . . .
द कश्मीर फाइल्स फिल्म देखकर हम सभी डिस्टर्ब और हैरान थे। यह फिल्म हमें अश्लील और प्रोपेगेंडा बेस्ड लगी। इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के लिए ये फिल्म उचित नहीं है। मैं आप लोगों के साथ अपनी फीलिंग को खुले तौर पर इसीलिए शेयर कर सकता हूं, क्योंकि इस समारोह की आत्मा ही यही है कि हम यहां आलोचनाओं को स्वीकार करते हैं और उस पर चर्चा करते हैं।

इस समारोह में हमने डेब्यू कॉम्पिटिशन में 7 फिल्में देखीं और इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन में 15 फिल्में देखीं। इसमें से 14 फिल्म सिनेमैटिक फीचर्स वाली थीं। 15वीं फिल्म द कश्मीर फाइल्स से हम सभी को परेशान और हैरान करने वाली थी।

नदाव लैपिड इजराइली फिल्म मेकर, निर्देशक और स्क्रीन राइटर हैं। आईएफएफआई के इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन के जूरी अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने फिल्म स्य्नोन्य्म्स के लिए 2019 में बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन बियर पुरस्कार जीता था।
लैपिड के इस विवादित बयान के बाद, उन्हें आईएफएफआई जूरी हेड बनाने वाली कमेटी भी निशाने पर आ गई है। लैपिड का नाम जूरी हेड के लिए जिन्होंने सुझाया था उनमें करण जौहर, प्रसून जोशी, मनोज मुंतशिर, खुशबू सुंदर, प्रियदर्शन, बॉबी बेदी, हृषिता भट्ट, निखिल महाजन, रवि कोट्टाराकारा, सुखविंदर सिंह और वाणी त्रिपाठी जैसे दिग्गज शामिल हैं।

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