जयपुर।
भारत में फ्रांसीसी दूतावास की ओर से आयोजित किए जा रहे 'वॉल आर्ट
फेस्टिवल' के तहत फ्रांसीसी म्यूरलिस्ट फेबियन पोस (मिस्टर पोस के नाम से
प्रसिद्ध) राजस्थान के जोबनेर गांव में लाइव वॉल आर्ट
बना रहे हैं। वे यहां 7-10 दीवारों पर चित्रित कर रहे हैं, वे पहले ब्राजील
में भी यह कार्य कर चुके हैं। उल्लेखनीय है कि पोस पौराणिक कथाओं व मिथकों
पर काम करते हैं। यह प्रोजेक्ट देवी काली से जुड़ी उदारवादी व भयानक, दोनों
प्रकार की लोकप्रिय पौराणिक कथाओं पर आधारित है। राजस्थान में इस फेस्टिवल
का आयोजन एलायंस फ्रांसेस (Alliance Francaise), जयपुर द्वारा किया जा रहा
है।
इसकी जानकारी देते हुए एलायंस फ्रांसेस, जयपुर की निदेशक,
सुश्री संजना सरकार ने बताया कि पौराणिक कथानक का चयन करते समय यह ध्यान
रखा गया कि यह धार्मिक उपदेश ना हो, क्योंकि यह संवेदनशील हो सकता था।
काली, जो एक सार्वभौमिक विषय है, वह सशक्तिकरण का प्रतीक है, जिसे कविताओं
के काम के माध्यम से शानदार ढंग से चित्रित किया गया है। अपने समृद्ध
इतिहास, विरासत व संस्कृति और पौराणिक कथाओं के साथ जोबनेर गांव इस वॉल
आर्ट को बनाने के लिए एकदम उपयुक्त स्थान है। यह प्रोजेक्ट इतिहासकार व
लेखक प्रो. खंगारोत के सहयोग से संभव हुआ है, जो जोबनेर में एक स्कूल चलाते
हैं और इसमें कई बच्चे काफी कमजोर पृष्ठभूमि से आते हैं। पोस इन बच्चों के
साथ अपनी कला पर काम कर रहे हैं। यह कम्यूनिटी प्रोजेक्ट जोबनेर के
ग्रामीणों की सहमति व सहभागिता से संचालित किया जा रहा है।
उल्लेखनीय
है कि वॉल आर्ट फेस्टिवल का द्वितीय संस्करण 7 नवंबर से 2 दिसंबर 2022 तक
फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, द नेटवर्क ऑफ एलायंस फ्रांसेस इन इंडिया
द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इसके तहत देश के मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद,
कोलकाता सहित 13 शहरों में लाइव वॉल आर्ट डिस्प्ले की जा रही है। इस
फेस्टिवल को जेएसडब्लू पेंट्स, रीयूनियन आइलैंड रीजन, फ्रांस वॉलंटेयर्स और
फ्रेंच इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया का सहयोग भी है।
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म्यूरलिस्ट फेबियन पोस के बारे में -
1983
में जन्मे पोस पेरिस में ला डेफेंस जिले में पले-बढ़े हैं। 15 वर्ष की उम्र
में उन्होंने खुद को भित्तिचित्रों के लिए समर्पित कर दिया, और इसके प्रति
उनके जुनून से वे अगले बीस वर्षों में इस नए यूरोप के चारों कोनों में छा
गए। उन्होंने 2004 के करीब कैनवास पर काम करना शुरू किया। उन्होंने ब्रश व
विनाइल पेंट के लिए स्प्रे बम्स को छोड़कर अपनी गोल, रंगीन व मधुर शैली
विकसित कर कई उल्लेखनीय कृतियां बनाई। वे कहानी व पेंटिंग में संभावनाओं की
खोज करते हुए अपनी रचनाओं में वे सचित्र वर्णन करते हैं और क्लासिक कोड को
तोड़ते हैं। कई बार प्राचीन या यहां तक कि भुला दी गई पौराणिक कथाओं या
शहरी व समकालीन पौराणिक कथाओं का जिक्र करते हैं।
एलायंस फ्रांसेस, जयपुर के बारे में-
फ्रांसीसी
भाषा को बढ़ावा देना, फ्रांसीसी संस्कृति को प्रदर्शित करना और फ्रांस व
भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों को विकसित करना एलायंस फ्रांसेस के
उद्देश्य हैं। एलायंस फ्रांसेस, जयपुर भारत में ऐसा 15वां केंद्र है। यह
सबसे पहला व सबसे महत्वपूर्ण लैंग्वेज सेंटर है, जो बच्चों, किशोरों व
वयस्कों (आम नागरिकों व प्रोफेशनल्स) के लिए शुरुआत से लेकर उच्च स्तर पर
फ्रेंच कक्षाओं की विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। इसकी शिक्षण विधियां
क्रिया और संचार पर आधारित है, जो विभिन्न प्रामाणिक सामग्री व रोलप्ले के
जरिए शिक्षार्थियों को आकर्षित करती हैं। यह भारतीय एवं फ्रांसीसी कलाकारों
की मुलाकात का आदर्श स्थान है। एलायंस फ्रांसेस नेटवर्क विभिन्न कलात्मक
रूपों को उजागर करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला
प्रदान करता है।