जयपुर ।मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किए जाने को लेकर मंगलवार को भ्रम की
स्थिति पैदा हो गई, जब सरकार ने ट्विटर से इस संबंध में अपना बयान वापस ले
लिया।
इससे पहले सुबह, प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने ट्विटर पर लिखा, "पीएम
मोदी ने मानगढ़ धाम, राजस्थान को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया।"
पीआईबी
ने जब ट्वीट किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम चल रहा था।
हालांकि, जैसे ही कार्यक्रम समाप्त हुआ, उस ट्वीट को हटा दिया गया, क्योंकि
मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में घोषित करने का कोई उल्लेख नहीं
किया गया था।
गौरतलब है कि मोदी मंगलवार को मानगढ़ धाम पहुंचे, जो
करीब 1500 आदिवासियों की शहादत स्थल के रूप में जाना जाता है। सभी की
निगाहें इस बात पर टिकी थीं कि वह मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में
घोषित करेंगे या नहीं, क्योंकि राजस्थान में जब से मोदी की यात्रा की योजना
बनाई गई थी, तब से विपक्ष उसी के लिए जोर दे रहा था।
इस मौके पर
मोदी ने कहा, "1857 के स्वतंत्रता संग्राम से पहले आदिवासी समाज ने आजादी
का बिगुल फूंका था। हम आदिवासी समाज के योगदान के ऋणी हैं। यह आदिवासी समाज
है जो भारत के चरित्र को बचाता है। हालांकि, उन्होंने यह घोषणा नहीं की कि
इसे राष्ट्रीय स्मारक बनाया जाए या नहीं। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने
शहीद स्मारक पर जाकर आदिवासियों को श्रद्धांजलि दी। मोदी ने कहा कि मानगढ़
धाम को भव्य बनाना सभी की ख्वाहिश है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और
महाराष्ट्र आपस में चर्चा कर विस्तृत योजना बनाकर मानगढ़ धाम के विकास का
रोडमैप तैयार करें। चारों राज्य और भारत सरकार मिलकर इसे नई ऊंचाइयों पर ले
जाएंगे।"
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "मानगढ़ धाम
का इतिहास सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। हमने पीएम से इसे राष्ट्रीय
स्मारक बनाने की अपील की है। स्वतंत्रता संग्राम लड़ने में आदिवासी समाज
किसी से पीछे नहीं था।"
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
को महात्मा गांधी की वजह से दुनिया में सम्मान मिलता है। हमारी अपील है कि
मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाए।"
हालांकि मंगलवार को मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किए जाने का जिक्र नहीं किया गया।
--आईएएनएस
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