यूकेएसएसएससी मामला : उत्तराखंड का सबसे बड़ा 'व्यापम' घोटाला

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 03 सितम्बर 2022, 9:06 PM (IST)

देहरादून । यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में आज यानी शनिवार को 33 वीं गिरफ्तारी हुई। एसटीएफ ने आयोग में तैनात पीआरडी कर्मचारी संजय राणा निवासी भी मतला जिला चमोली को गिरफ्तार किया। अभियुक्त द्वारा पूर्व पीआरडी कर्मचारी मनोज जोशी के साथ मिलकर अपने घर में लखनऊ से लीक प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी करवाई गई और अपनी पत्नी को प्रश्न पत्र देकर चयनित करवाया गया।

स्पेशल टास्क फोर्स ने गवाहों के बयान एवं टेक्निकल साक्ष्य के आधार पर अभियुक्त को अरेस्ट किया। अभियुक्त के कब्जे से फोटो कॉपी मशीन और सीपीयू बरामद हुआ है। वह वर्ष 2014 से 2022 अप्रैल तक यूकेसीएसएससी में पीआरडी कर्मचारी नियुक्त था।

दरसअल, उत्तराखंड में इन दिनों सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा यानी यूकेएसएससी का पेपर लीक होने की वजह से हंगामा मचा हुआ है। इस मामले में पकड़े गए मुख्य अभियुक्त के संबंध राज्य बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं के साथ रहे हैं। पेपर लीक घोटाले के मामले में अब तक 33 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है।

अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कोई पहले बस कंडक्टर, ऑटो रिक्शा ड्राइवर और फैक्ट्री में कर्मचारी के तौर पर काम कर चुके हैं। तो वही इसमें 3 अपर सचिव के सहायक, शिक्षक, सहायक कनिष्क (जूनियर असिस्टेंट) आदि शामिल हैं। इसके अलावा पूर्व सचिव संतोष बडोनी को सरकार ने निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस घोटाले में 200 करोड़ रुपए तक का लेनदेन हुआ है। इसे लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ हर तरफ मोर्चा खोला हुआ है।

इस मामले को लेकर कुछ दिन पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इसे उठाया तो उसके बाद यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया है। इसकी जानकारी बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंच चुकी है। इसके साथ ही उत्तराखंड की विधानसभा में हुई भर्तियों को लेकर भी उत्तराखंड का सियासी माहौल गर्म है। जिसे लेकर आज विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने 3सदस्य विशेषज्ञों की कमेटी गठित की है। इस एक्सपोर्ट कमेटी में दिलीप कुमार कोठिया को अध्यक्ष, सुरेंद्र सिंह रावत को सदस्य और अविनेंद्र सिंह नयाल को सदस्य बनाया गया है। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने बड़ा निर्णय लेते हुए जांच के दौरान वर्तमान विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को अग्रिम आदेश तक छुट्टी पर भेज दिया है। इसके साथ ही उन्हें जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।

चलिए आपको बताते हैं यूकेएसएसएससी मामले के मुख्य आरोपी और उसके साथियों के बारे में:


यूकेएसएसएससी घोटाले का मास्टरमाइंड हाकम सिंह रावत नाम का शख्स है। रावत की उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित तमाम कई बड़े नेताओं के साथ तस्वीरें हैं। रावत के बारे में कहा जाता है कि उसने बहुत कम समय में अच्छी-खासी संपत्ति इकट्ठा कर ली है। हाकम सिंह रावत उत्तरकाशी जिले में जिला पंचायत का सदस्य रह चुका है। हाकम सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश के धामपुर में एक घर किराए पर लिया था, जहां पर उसने एसएससी परीक्षा के अभ्यर्थियों को परीक्षा शुरू होने से 1 दिन पहले बुलाया था और हर एक से 15-15 लाख रुपए लेकर उन्हें लीक हुए पेपर देकर उनकी मदद की थी। हाकम सिंह रावत के अलावा इस मामले में केंद्रपाल, चंदन मनराल, मनोज जोशी, जगदीश गोस्वामी सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

केन्द्रपाल: एसटीएफ के द्वारा गिरफ्तार किया गया केंद्रपाल नाम का शख्स पेपर लीक के काम और धोखाधड़ी माफिया के साथ लंबे वक्त से जुड़ा है। केंद्रपाल ही हाकम सिंह रावत को इस काम में लाया था। दोनों की मुलाकात 2011 में हुई थी। केंद्रपाल 1996 में ऑटो रिक्शा चलाता था। उसके बाद उसने धामपुर में एक कपड़ों की दुकान खोली। लेकिन 2011 में वह पेपर लीक करने वालों के संपर्क में आ गया।

चंदन मनराल : इस मामले का एक और अहम आरोपी है चंदन मनराल। एसटीएफ द्वारा इस घोटाले में पकड़े गए एक और शख्स चंदन मनराल की केंद्रपाल से मुलाकात साल 2012 में हुई थी। चंदन मनराल रामनगर का रहने वाला है और उसके पास कम से कम 100 करोड़ रुपए की संपत्ति है। मनराल पहले बस कंडक्टर था और 30 साल तक वह बस कंडक्टर का ही काम करता रहा। इसके बाद उसने अपनी बस खरीदी और एक ट्रांसपोर्ट एजेंसी भी शुरू की। केंद्रपाल से मुलाकात होने के बाद उसकी संपत्ति कई गुना बढ़ गई।

जगदीश गोस्वामी: इस घोटाले में पकड़ा गया एक और शख्स जगदीश गोस्वामी उत्तराखंड के मशहूर लोक गायक रहे गोपाल बाबू गोस्वामी का बेटा है। गोस्वामी ने कुछ साल पहले आई फिल्म जब वी मेट में भी काम किया था। गोस्वामी पर आरोप है कि जिन अभ्यर्थियों को पेपर लीक किया, वह उन्हें उनके इलाके से लाकर धामपुर में हाकम सिंह रावत के द्वारा किराए पर लिए गए मकान तक लेकर आया। एक अन्य शख्स मनोज जोशी अल्मोड़ा का रहने वाला है और इससे पहले लखनऊ में एक फैक्ट्री में 12 साल तक काम कर चुका है।

जोरदार हंगामें के बाद उत्तराखंड की धामी सरकार ने स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसटीएफ का गठन किया था। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि अभियुक्तों की संपत्तियों को लेकर जांच एजेंसी ईडी को जानकारी दी गई है।

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि ईडी ने इस मामले में जानकारी मांगी है और हम उन्हें जानकारी उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले के सभी अभियुक्तों के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई होगी और उनकी संपत्तियों को जब्त किया जाएगा।

एसटीएफ के एसएससपी अजय सिंह के मुताबिक इस परीक्षा के पेपर लीक में धामपुर ही केंद्र बना हुआ है। हाकम ने ललित राज शर्मा के मकान को सेंटर बनाया था। यहां 100 से अधिक अभ्यर्थियों को हल किया हुआ पेपर दिया गया था। एक-एक कर सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।

कई अभ्यर्थियों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। इनमें अब राजवीर निवासी लक्सर का नाम भी सामने आ रहा था। वह हाकम सिंह के सेंटर पर कई अभ्यर्थियों को लेकर गया था। यहां उसने इन्हें पेपर दिया और याद कराया। इसके बाद उन्हें अपने वाहन से ही परीक्षा केंद्रों तक लेकर गया और वापस लाया। उसके खिलाफ कई लोगों ने बयान दिए हैं। इस आधार पर शुक्रवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। वह पॉलीटेक्निक हिंडोलाखाल, टिहरी गढ़वाल में जूनियर असिस्टेंट है। आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है। उसके साथियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

--आईएएनएस

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे