फिल्म समीक्षा : सस्पेंस, थ्रिलर और साइंस का बेजोड़ कॉम्बीनेशन है दोबारा

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 19 अगस्त 2022, 3:50 PM (IST)

—राजेश कुमार भगताणी

स्टारकास्ट: तापसी पन्नू, पावेल गुलाटी, राहुल भट्ट
निर्देशक: अनुराग कश्यप
निर्माता: एकता कपूर, शोभा कपूर, सुनीत क्षेत्रपाल, गौरव बोस


हिन्दी फिल्म नायिकाओं में वर्तमान में तापसी पन्नू अक्षय कुमार को टक्कर देती नजर आती हैंं। वे ऐसी अभिनेत्री हैं जिनके पास लगातार फिल्में हैं और वे हर दूसरे-तीसरे महीने दर्शकों के सामने आती रहती हैं। कुछ सप्ताह पूर्व ही शाबास मिथु में नजर आई तापसी एक बार फिर से दोबारा के जरिये दर्शकों से रू-ब-रू हो रही हैं। इस बार वे किसी बायोपिक में नहीं अपितु थ्रिलर फिल्म में नजर आई हैं। इसमें कोई दोराय नहीं है कि पिछले कुछ समय से लगातार असफल व कचरा फिल्मों को देखते हुए दोबारा को देखने का मानस बनाना मुश्किल था लेकिन अपनी आदत अनुसार शुक्रवार को फिल्म देखने पहुँचे। फिल्म की समाप्ति के प्रतिक्रिया स्वरूप मुँह से निकला पैसा वसूल।

फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप ने एक अलग तरह का सिनेमा दर्शकों के सामने रखा है। टाइम ट्रेवलिंग पर दक्षिण भारत में तो कुछ फिल्में बनी हैं लेकिन हिन्दी सिनेमा में वर्तमान समय में कोई ऐसी फिल्म नहीं आई है। अनुराग कश्यप की यह फिल्म टाइम ट्रेवलिंग पर आधारित ड्रामा है जो पूरी तरह थ्रिलर से भरपूर है। विशेष बात यह है कि यह भी एक रीमेक फिल्म है। लेकिन अनुराग कश्यप ने दक्षिण की किसी फिल्म का रीमेक नहीं बनाया अपितु तापसी पन्नू की दोबारा 2018 की स्पेनिश फिल्म मिराज का हिंदी रीमेक है। फिल्म में तापसी के अलावा पावेल गुलाटी और राहुल भट्ट मुख्य किरदार निभाते नजर आ रहे हैं।

दोबारा की कहानी बेहद ही यूनिक है। इस फिल्म में भूतकाल और भविष्यकाल को बड़े ही सामंजस्य के साथ परोसा गया है। फिल्म की कहानी दो दशकों में बंटी है, 1990 और 2020 का दशक। 1990 में 12 साल का लडक़ा अनय एक तूफानी रात में अपने पड़ोसी को अपनी पत्नी की हत्या करते हुए देख लेता है। इस दृश्य को देखकर अनय घबरा जाता है और भागता है तब फायर ब्रिगेड की गाड़ी उसे कुचल देती है, जिससे उसकी मौके पर मौत हो जाती है। फिल्म की कहानी 20 साल का लीप लेती है, जिसके साथ ही कहानी में एक रोमांचक मोड़ आता है।

अंतरा (तापसी पन्नू) जो एक नर्स है, अपने बच्चे और पति के साथ पुणे शिफ्ट होती है। अंतरा और उसका परिवार उसी घर में शिफ्ट होता है, जहां अनय रहता था। अंतरा घर में रखे पुराने टीवी सेट के जरिए अनय से बात करती है। अंतरा उस टीवी सेट के जरिए यहां भूतकाल में झांकती है और अनय को सडक़ दुर्घटना से बचाने की कोशिश करती है। इस फिल्म में अतीत और वर्तमान को एक-दूसरे से जुड़ते हुए दिखाया गया है। अंतरा अपनी सूझबूझ से जो चीजें अतीत में बदलती है, वर्तमान में भी वह सारी चीजें बदल जाती हैं।

अनुराग कश्यप ने फिल्म की गति को सही रखा है और उन्होंने फिल्म के सस्पेंस, थ्रिलर और साइंस को जिस तरह से आपस में जोड़ा वह बेहतरीन है। दर्शक शुरू से आखिर तक लगातार फिल्म को देखता है। उसे फिल्म देखते हुए कहीं भी बोरियत महसूस नहीं होती है। अनुराग कश्यप ने फिल्म की समय सीमा को सीमित रखा है जिससे यह अपना प्रभाव ज्यादा छोड़ती है। साथ ही दर्शकों को कुछ भी सोचने का मौका नहीं देती है। फिल्म का निर्देशन जहाँ प्रभावी है वहीं फिल्म के प्रभाव को बढ़ाने में तापसी पन्नू का अभिनय 100 प्रतिशत सहयोग देता है। तापसी ने अपने अभिनय से एक बार फिर से स्वयं को साबित किया है। हालांकि उनकी पिछली प्रदर्शित फिल्म शाबास मिथु उनके अभिनय का कमजोर पक्ष प्रस्तुत करती थी लेकिन यहाँ पर उन्होंने स्वयं को बेहतर साबित किया है।

सस्पेंस, थ्रिलर फिल्म को सफल बनाने में उसकी पटकथा बहुत मदद करती है। दोबारा की पटकथा मजबूत है। फिल्म के दृश्यों को पटकथा लेखक निहित भावे ने बेहतरीन तरीके से लिखा। उन्होंने पटकथा में कहीं कोई कंजूसी नहीं बरती है। यही हाल फिल्म के संगीत का है। शोर पुलिस ने फिल्म के गीतों के साथ-साथ इसका बैकग्राउण्ड म्यूजिक दिया है जो प्रभावी है।
यदि आप थ्रिलर फिल्मों के शौकीन है तो आप इसे जरूर देखें।

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