जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता
सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि उनके लम्बे संघर्ष और समर्पण से देश को
अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली। आजादी के बाद देश में लोकतंत्र कायम
हुआ। उन्होंने कहा कि इस मुल्क में विभिन्न धर्म, सम्प्रदाय और जातियों के
लोग रहते हैं। विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं। इतनी विविधता के बावजूद हमारे
नेताओं ने सर्वधर्म समभाव, समाजवाद एवं धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के
साथ इस देश को एकजुट एवं अखण्ड रखा। इन सिद्धांतों पर चलते हुए ही हमें आगे
भी देश की एकजुटता कायम रखनी होगी।
मुख्यमंत्री
सोमवार को 76वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर बडी चौपड़ पर आयोजित समारोह को
संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यहां ध्वजारोहण किया और उपस्थित जनसमुदाय को
स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की महान परम्पराओं
को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी हम सबकी है। देश की नई पीढ़ी को लोकतंत्र,
धर्मनिरपेक्षता तथा समाजवाद के संवैधानिक मुल्यों को आत्मसात कर देश-प्रदेश
की उन्नति के लिए काम करना होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को देश की आजादी
का इतिहास पढ़ना चाहिए, ताकि वे स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष, त्याग और
बलिदान से रूबरू हो सके। इतिहास पढ़ने से ही नई पीढ़ी जान सकेगी कि आजादी की
कीमत क्या होती है और लोकतंत्र का क्या महत्व है।
गहलोत ने कहा कि पं. जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल
कलाम आजाद तथा डॉ. भीमराव अम्बेडकर जैसे महान नेताओं ने मुल्क को नई दिशा
दी। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने आतंकी ताकतों से लोहा लेते
हुए अपनी जान दे दी, लेकिन देश की एकता पर आंच नहीं आने दी। पूर्व
प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने भी भारतीय उपमहाद्वीप में शांति स्थापित
करने का प्रयास किया तथा इसी कोशिश में अपने प्राणों का उत्सर्ग किया।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि 1947 से अब तक देश में बहुत बड़े परिवर्तन आए हैं। आजादी से अब
तक देश ने औद्योगिक क्षेत्र में अभूतपूर्व तरक्की की है। हमारे उत्पाद आज
विश्वभर में निर्यात हो रहे हैं, जो कि हमारे लिए गर्व का विषय है। दुनिया
ने भारत की प्रतिभा का लोहा माना है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की अगुवाई
में हमारे महान नेताओं पं. जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल
बहादुर शास्त्री, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि के अथक प्रयासों से हमे आजादी
मिली। देश की आजादी के लिए राजस्थान के अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने शहादत
दी और आजादी की लंबी लड़ाई लड़ी। स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए संघर्ष
के कारण ही आज हम एक आजाद देश में रह रहे हैं। हमारे पड़ोस में देखा गया कि
देशों का विभाजन हुआ, सेना का शासन स्थापित हुआ परन्तु हमारे देश में
लोकतंत्र लगातार मजबूत हुआ। विभिन्न भाषाओं, धर्मों और प्रांतों वाले हमारे
देश में तरक्की के लिए शांति एवं एकजुटता आवश्यक है। प्रदेश में शांति एवं
भाईचारे की महान परंपरा रही है। प्रदेशवासी आज के दिन यह संकल्प लें कि
प्रदेश में सामाजिक समरसता, आपसी भाईचारा, अनेकता में एकता को सदैव बनाए
रखेंगे।
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