नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार
को टाइम्स नाउ की पत्रकार नाविका कुमार को उनके खिलाफ दर्ज मामलों के संबंध
में गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की।
पैगंबर के खिलाफ 'विवादास्पद' टिप्पणी से जुड़े नुपुर शर्मा मामले
में सुप्रीम कोर्ट ने कुमार को राहत दी है। शीर्ष अदालत की ओर से विभिन्न
राज्यों में दर्ज मामलों को लेकर उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई है।
कुमार
के खिलाफ यह प्राथमिकियां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व प्रवक्ता
नुपुर शर्मा की ओर से टीवी पर प्रसारित एक टीवी कार्यक्रम के दौरान पैगंबर
मोहम्मद पर विवादित टिप्पणियां करने के सिलसिले में दर्ज की गई थीं। इस
डिबेट कार्यक्रम की एंकर कुमार ही थीं।
वरिष्ठ पत्रकार का
प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति कृष्ण
मुरारी और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि उनके
मुवक्किल ने ज्ञानवापी मस्जिद पर बहस के दौरान कुछ भी आपत्तिजनक नहीं कहा,
इसके बजाय एक प्रतिभागी ने कुछ ऐसा कहा, जिसका जवाब एक अन्य प्रतिभागी ने
दिया। रोहतगी ने जोर देकर कहा कि उनके मुवक्किल ने यह कहकर बहस के दौरान
शुरू हुआ झगड़ा सुलझाया कि हमें संविधान का पालन करना है।
उन्होंने
आगे तर्क दिया कि बयान देने वाली महिला को कई एफआईआर में आलोचना का सामना
करना पड़ रहा है, और उनके मुवक्किल को कई एफआईआर का भी सामना करना पड़ रहा
है। रोहतगी ने कहा, "उनके खिलाफ अकेले कोलकाता में ही पांच या छह प्राथमिकी
दर्ज हैं। पहली प्राथमिकी दिल्ली में दर्ज की गई थी।"
पश्चिम बंगाल
सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने तर्क दिया कि याचिका
के साथ संलग्न प्राथमिकी सही नहीं है, क्योंकि वे विशेष भाषण से संबंधित
नहीं हैं। रोहतगी ने मामले में पश्चिम बंगाल सरकार की रुचि पर सवाल उठाया।
दलीलें
सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने कहा कि अंतरिम उपाय के तहत याचिकाकर्ता के
खिलाफ 26 मई को कार्यक्रम के संबंध में दर्ज प्राथमिकी/शिकायतों या भविष्य
के मामलों में कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने
पश्चिम बंगाल, दिल्ली और अन्य राज्यों की पुलिस को नोटिस भी जारी किया और
दो सप्ताह के भीतर उनकी प्रतिक्रिया मांगी।
शीर्ष अदालत ने 19 जुलाई
को आदेश दिया था कि शर्मा के खिलाफ पहले से दर्ज प्राथमिकी और बहस के
दौरान उनकी टिप्पणी के संबंध में भविष्य की प्राथमिकी में कोई दंडात्मक
कार्रवाई नहीं की जा सकती है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी
पारदीवाला की पीठ ने कहा, "इस बीच, एक अंतरिम उपाय के रूप में यह निर्देश
दिया जाता है कि नूपुर शर्मा के खिलाफ कोई भी आरोपित प्राथमिकी के अनुसार
कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।"
नूपुर शर्मा ने पैगंबर
मुहम्मद पर अपनी टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ दर्ज कराई गई नौ प्राथमिकी में
उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और
दिल्ली में दर्ज प्राथमिकी के साथ अन्य सभी प्राथमिकी को जोड़ने/रद्द करने
की भी मांग की थी।
इससे पहले 1 जुलाई को, शीर्ष अदालत ने शर्मा को
फटकार लगाई थी, जिनकी पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी ने विवाद को जन्म दिया।
शीर्ष अदालत ने कहा कि उनकी ढीली जुबान ने पूरे देश में आग लगा दी है इसकी
जिम्मेदार वही हैं और उनकी गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी से पता चलता है कि वह
हठी और घमंडी हैं।
--आईएएनएस
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