विश्व तंबाकू निषेध दिवस - तंबाकू सेवन से 18 साल की उम्र में ही हो सकता है कैंसर

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 31 मई 2022, 2:00 PM (IST)

जयपुर । ये सब जानते हैं कि तंबाकू का सेवन जानलेवा हो सकता है। लेकिन ये जानते हुए भी दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोग खासकर कर युवा किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रहे हैं और जिससे उनपर जानलेवा बीमारियों का खतरा मंडराने लगता है। इसलिए लोगों को तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने और रोकने के लिए हर साल 31 मई को दुनियाभर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस यानी वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया जाता है।


हेड एंड नेक कैंसर के 95% मामले तंबाकू सेवन के कारण

आजकल तंबाकू, सिगरेट और हुक्का पीने को युवा पीढ़ी अपना स्टेटस सिंबल मानने लगी है। लेकिन ये उनके जीवन के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है इसका अंदाजा उन्हें नहीं है। नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर के डॉ. दीपांशु गुरनानी, कंसलटेंट- ई.एन.टी., हेड एवं नेक सर्जरी बताते हैं कि तंबाकू के सेवन से एक नहीं, बल्कि कई तरह की जानलेवा बीमारियां होने का खतरा होता है। इनमें फेफड़े का कैंसर, लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, हृदय रोग, कोलन कैंसर, गर्भाशय का कैंसर जैसी कई और गंभीर बीमारियां शामिल हैं। हर साल करीब 2 लाख हेड एवं नेक कैंसर से जुड़े मामले सामने आते हैं जिसमें से करीब 95 प्रतिशत मामले तंबाकू के सेवन से जुड़े होते हैं। युवाओं के अंदर तंबाकू सेवन को बढ़ावा देने का एक मुख्य कारण सोशल मीडिया और प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा किये जाने वाले विज्ञापन हैं, जो युवाओं को कम उम्र में ही तंबाकू सेवन के प्रति आकर्षित करते है और जितना जल्दी युवा उसका सेवन शुरू करते हैं उतना जल्दी उनमें कैंसर होने का खतरा बढ़ने लगता है। पिछले 10-15 सालों में तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या में बहुत अधिक बढ़ोतरी दर्ज हुई है। जिसमें सबसे अधिक युवा पीढ़ी है। पहले तंबाकू सेवन से होने वाले कैंसर मरीजों की औसतन उम्र 45 से 60 तक होती थी जो अब घटकर 30 से 40 की उम्र तक आ पहुंची है। कई बार 18 साल के युवा भी तंबाकू सेवन के कारण ओरल कैंसर से पीड़ित होते हैं। डॉ. दिपांशु का कहना है कि तंबाकू सेवन इंसान अधिकतर परिवार से ही सिखता है इसलिए इस बात का खास ध्यान रखें कि अगर आप तंबाकू सेवन कर रहें है तो अपने बच्चों के सामने बिल्कुल न करें क्योंकि बच्चे बहुत जल्दी इससे प्रभावित होते हैं। दूसरा इस बात का जरूर ध्यान रखें कि अगर आपको किसी तरह के कोई लक्षण दिख रहे हैं तो उन्हें बिल्कुल नज़र अंदाज़ न करें क्योंकि जितना जल्दी बीमारी पकड़ में आएगी उतना जल्दी उसका इलाज किया जा सकता है।

धूम्रपान के कारण 20 गुणा बढ़ जाता है कैंसर का खतरा

नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. रोहित स्वामी का कहना है कि सैकण्ड हैण्ड स्मोकिंग भी धूम्रपान करने जितना ही खतरनाक है क्यूंकि ये सीधा फेफड़ों पर असर डालता है जिससे कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए धूम्रपान और निष्क्रिय धूम्रपान से बचें। तंबाकू सेवन से कैंसर के अलावा भी कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं जैसे कि धूम्रपान करने से फेफड़ों की बीमारियां होती हैं जिसे सी.ओ.पी.डी. कहते हैं। कुछ लोगों को तंबाकू सेवन से एलर्जी अस्थमा भी हो सकता है। इसके अलावा कुछ लोगों को तंबाकू चबाने से सबम्यूकस फाइब्रोसिस हो जाता है जिससे उनका मुंह कम खुलता है या मुंह खुलना बंद हो जाता है। धूम्रपान के कारण कैंसर होने का खतरा 20 गुणा बढ़ जाता है। पहले के मुताबिक आज के समय में तंबाकू को छोड़ना भी आसान हो गया है। आजकल तंबाकू छोड़ने के लिए दवाइयां और निकोटिन थेरेपी भी उपलब्ध हैं जिनमें धूम्रपान करने वाले को उसकी क्षमता के अनुसार निकोटिन दिया जाता है जिससे धूम्रपान करने की इच्छा को कम किया जा सके है।

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