मलयालम फिल्म ‘थंप’ का कान्स फिल्म फेस्टिवल के रेड कार्पेट इवेंट में हुआ प्रीमियम शो

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 21 मई 2022, 4:58 PM (IST)

गोपेंद्र नाथ भट्ट
नई दिल्ली। फ्रांस में आयोजित हो रहें 75 वें कान्स फिल्म फेस्टिवल के गुरुवार रात हुए रेड कारपेट इवेंट में फिल्म सरंक्षण के क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर की फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन,मुम्बई द्वारा रेस्टोरेशन की गई नवीनीकृत और पुनरुद्धारित मलयालम फिल्म ‘थंप’ का भव्य प्रदर्शन किया गया।
इस ऐतिहासिक दिन कान्स फिल्म फेस्टिवल के निदेशक थियरी फ्रैमॉक्स ने फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन मुम्बई के निर्देशक शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर और उनकी टीम का स्वागत किया और कहा कि हमें ’थंप’ जैसी अद्भुत खोज पूर्ण फिल्म को कांस फिल्म फ़ेस्टिवल में स्क्रीन करने पर गर्व है।
समारोह में शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर के साथ मलयालम फ़िल्मों की प्रख्यात हीरोईन जलजा और फिल्म निर्देशक प्रकाश नायर रेड कार्पेट पर चल कर आयोजन स्थल पर पहुँचें।

डूंगरपुर ने बताया कि कान्स फिल्म फेस्टिवल के रेड कार्पेट इवेंट में थंप फिल्म का प्रीमियम-शो आयोजित होना भारतीय सिनेमा जगत के लिए रोमांचित करने वाला एक गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण था I उन्होंने बताया कि इस वर्ष कांस फिल्म फेस्टिवल में भारत की कुछ और फिल्मों के साथ थंप फिल्म का भी चयन होना एवं उसे इस प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में आमंत्रित करना सचमुच ही भारतीय सिने जगत के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा जाना है ।
शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर ने बताया कि मलयालम फिल्म के सर्वकालीन महान फिल्मकार जी.अरविंदन गोविंदन की इस कालजयी फिल्म थंप (1978) का रेस्टोरेशन फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन ने वर्ल्ड सिनेमा फाउंडेशन एवं सिनेटिका डी बोलोनिया संस्थान इटली के साथ मिलकर पूरा किया है। इसके पहले 1948 में बनी उदयशंकर की फिल्म ‘कल्पना’ का रेस्टोरेशन भी हम सभी ने मिल कर किया था तथा कल्पना फिल्म को भी कांस फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया था। इस प्रकार हम अपनी एक और गौरवपूर्ण उपलब्धि पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं ।
उन्होंने बताया कि सौभाग्य से थंप (यानि सर्कस का टेंट) को कांस फिल्म महोत्सव में भाग लेने का अवसर मिला है,जो कि भारतीय सिने जगत के लिए एक मील का पत्थर है। थंप फिल्म का निर्माण 1978 में के.रवींद्रन नायर की फिल्म कंपनी जनरल फिल्म्स के बैनर तले किया गया था। यह एक श्वेत श्याम फिल्म थी एवं इस फिल्म के निर्देशक और पटकथाकार मलयालम फिल्म जगत के जाने माने फिल्मकार जी अरविंदम थे। वे एक उत्कृष्ट निर्देशक होने के साथ-साथ एक सफल संगीतकार भी थे और उन्होंने कई मलयालम फिल्मों को अपना संगीत दिया था।थंप फिल्म की कहानी सर्कस पर आधारित हैं जिसमें एक सर्कस गांव में आता है और बस पूरे फिल्म की कहानी इसी के इर्द-गिर्द घूमती है। थंप फिल्म के बारे में शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर कहते है जब वे पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट में डिप्लोमा कर रहे थे, उस वक्त उन्होंने यह फिल्म देखी थी और उनका मानना है कि जी.अरविंदन गोविंदन की यह फिल्में दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर देती है। उन्होंने बताया कि इस फिल्म के रेस्टोरेशन में चेन्नई की प्रसिद्ध संस्था प्रसाद कॉरपोरेशन का सराहनीय सहयोग रहा। साथ ही बंगलुरू के अरकाइविस एवं जी.अरविंदम के पुत्र रामु अरविंदन का सक्रिय सहयोग भी मिला,जिनके पास अपने पिताजी के कई फोटोग्राफ़स,स्क्रिप्ट और अन्य वस्तुएं संग्रहित थी।
उन्होंने बताया कि फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन,वर्ल्ड सिनेमा फाउंडेशन एवं डी.बोलोनिया की सिनेटिका संस्थान ने वर्ष 2020 में थंप (1978) के साथ जी.अरविंदन गोविंदन की एक और अनूठी फिल्म कुमूठी (1979 ) को भी पुनर्जन्म देने का निर्णय लिया था और हमने इन फिल्मों का रेस्टोरेशन कर एक नया अध्याय रच दिया। ये फिल्में विश्वस्तर की है लेकिन उस समय जी.अरविंदन गोविंदन की फिल्मों को जो रेसपोंस मिलना चाहिए था वो नहीं मिला इसलिए अब हम इन फिल्मों को फिर से उनके मौलिक स्वरूप में बहाल कर दुनिया के सामने रख रहें है ।
फिल्मों के महानायक अमिताभ बच्चन और बालीवूड की मशहूर हस्तियों मनोज वाजपेयी,बुमन ईरानी मीरा नायर, अनुराग कश्यप आदि ने फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन के निदेशक शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर और उनकी टीम को थम्प फ़िल्म के रेस्टोरेशन का काम करने और कान्स फिल्म फे…

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