नई दिल्ली । 'द कश्मीर फाइल्स' के
निदेशक विवेक अग्निहोत्री के एक ट्वीट का जवाब देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ
नेता शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि उनकी दिवंगत पत्नी सुनंदा पुष्कर को
मामले में घसीटना अनुचित और अवमानना है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब थरूर ने ट्विटर पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा की
जिसमें कहा गया था कि सिंगापुर में 'द कश्मीर फाइल्स' पर प्रतिबंध लगा दिया
गया है।
कांग्रेस सांसद ने मंगलवार सुबह ट्वीट किया, "भारत की
सत्ताधारी पार्टी द्वारा प्रचारित फिल्म 'कश्मीर फाइल्स', सिंगापुर में बैन
हो गई है।"
थरूर के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए अग्निहोत्री ने
कहा कि सिंगापुर में दुनिया में सबसे अधिक प्रतिगामी सेंसर है और उनसे
कश्मीरी पंडितों के नरसंहार का 'मजाक' करना बंद करने को कहा।
फिल्म
निर्माता ने ट्वीट कर कहा, "प्रिय शशि थरूर, आपकी जानकारी के लिए बता दें
कि सिंगापुर दुनिया का सबसे प्रतिगामी सेंसर है। इसने 'द लास्ट टेम्पटेशंस
ऑफ जीसस क्राइस्ट' पर भी प्रतिबंध लगा दिया (अपनी मैडम से पूछें)। यहां तक
कि एक रोमांटिक फिल्म 'द लीला होटल फाइल्स' पर प्रतिबंध लगाया गया। कृपया
कश्मीरी हिंदू नरसंहार का मजाक बनाना बंद करें।"
अगले ट्वीट में, अग्निहोत्री ने उनसे ट्वीट को हटाने के लिए कहा, अगर उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर एक कश्मीरी हिंदू थीं।
अग्निहोत्री
ने कहा, "क्या यह सच है कि सुनंदा पुष्कर कश्मीरी हिंदू थीं? क्या अटैच
किया हुआ स्क्रीनशॉट सच है? अगर हां तो हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार, किसी
मृतक को सम्मान देने की खातिर आपको अपने ट्वीट को तुरंत डिलीट करना चाहिए
और उनकी आत्मा से माफी भी मांगनी चाहिए।"
जैसा कि फिल्म निर्देशक और
कांग्रेस नेता के बीच जुबानी जंग जारी है, इस बीच अनुभवी अभिनेता अनुपम
खेर भी शामिल हुए, उन्होंने थरूर से अपनी पत्नी के लिए कश्मीरी पंडितों के
प्रति कुछ संवेदनशीलता दिखाने के लिए कहा, जो खुद एक कश्मीरी थीं।
खेर
ने ट्वीट कर कहा, "प्रिय शशि थरूर! कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार के प्रति
आपकी उदासीनता दुखद है। यदि और कुछ नहीं तो कम से कम सुनंदा की खातिर जो
खुद एक कश्मीरी थीं, आपको कश्मीरी पंडितों के प्रति कुछ संवेदनशीलता दिखानी
चाहिए और द कश्मीर फाइल्स पर प्रतिबंध लगाने वाले देश के बारे में विजयी
महसूस नहीं करना चाहिए!"
उनकी दिवंगत पत्नी सुनंदा को विवाद में
घसीटे जाने के बाद, थरूर ने कहा कि उन्होंने कभी फिल्म नहीं देखी है और न
ही इसकी सामग्री पर कोई टिप्पणी की है।
दिवंगत पत्नी सुनंदा पुष्कर
का नाम खींचने पर एतराज जताया है। उन्होंने कहा, "मैंने आज सुबह एक
तथ्यात्मक खबर शेयर की थी, जिसकी सामग्री पर या फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' पर
कोई कमेंट नहीं किया है और मैंने इसे देखा भी नहीं। मैंने कभी भी कश्मीरी
पंडितों की पीड़ा का मजाक नहीं उड़ाया है, जिनकी दुर्दशा से मैं अच्छी तरह
परिचित हूं। इन सबके बीच मेरी स्वर्गीय पत्नी सुनंदा पुष्कर का नाम उछाला
जाना गलत और घिनौना है।"
इसके आगे शशि थरूर ने लिखा, "उनके विचारों
के बारे में मुझसे ज्यादा कोई नहीं जानता है। मैं उनके साथ सोपोर के पास
बोमई गांव में उनके पुश्तैनी घर के नष्ट हुए खंडहरों में गया था और उनके
साथ मैंने उनके कश्मीरी पड़ोसी और दोस्तों से बात भी की थी जिसमें हिंदू और
मुसलमान दोनों शामिल थे। एक बात जो मुझे पता है कि वो ये है कि लोग उनके
नाम का इस्तेमाल तब करना चाहते हैं जबकि वह अपना पक्ष रखने के लिए मौजूद भी
नहीं हैं। वह मेल-मिलाप में विश्वास रखती थीं, घृणा में नहीं।"
--आईएएनएस
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