गुवाहाटी । गुजरात के निर्दलीय विधायक
जिग्नेश मेवाणी ने शनिवार को कहा कि उन्हें असम पुलिस ने प्रधानमंत्री
कार्यालय (पीएमओ) के निर्देशों का पालन करते हुए गिरफ्तार किया है। उन्हें
शुक्रवार को असम के बारपेटा में जिला सत्र अदालत ने जमानत दे दी थी।
मेवाणी ने गुवाहाटी में असम कांग्रेस द्वारा दिए गए एक भव्य स्वागत समारोह
को संबोधित करते हुए कहा कि पीएमओ के निर्देशों के बाद असम पुलिस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी अपील के बाद उन्हें गिरफ्तार करने के
लिए गुजरात गई थी, जिसमें लोगों से सांप्रदायिक हिंसा के बाद शांति और
सद्भाव बनाए रखने का आग्रह किया गया था।
मेवाणी राष्ट्रीय दलित
अधिकार मंच के संयोजक भी हैं। उन्होंने कहा, "मुझे असम लाने के बाद और
कोकराझार अदालत से जमानत मिलने के बाद असम पुलिस ने एक महिला पुलिस अधिकारी
को बलि का बकरा बनाकर मुझे फिर से कायरतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया। गुजरात
के एक विधायक को गिरफ्तार करने से बेरोजगारी, बिजली, किसानों और असम के
अन्य पिछड़े लोगों की समस्याओं का हल नहीं होगा। इसे असम के लोगों को महसूस
करना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि असम पुलिस की 'बड़े पैमाने पर
अतिरिक्त न्यायिक हत्या' को रोका जाना चाहिए और लोगों को इस तरह के 'बर्बर
कृत्यों' के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए।
उन्होंने कहा : "आरएसएस के
लोगों ने पहले भारतीय संविधान को समुद्र में फेंकने के लिए कहा था। आरएसएस
और भाजपा से हम लोकतांत्रिक कार्यो की उम्मीद नहीं कर सकते। वे देश में सब
कुछ नष्ट कर रहे हैं।"
--आईएएनएस
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