डायन होने के अंधविश्वास में महिला ने जेठ-जेठानी को कुल्हाड़ी से काट डाला, थाने में किया सरेंडर

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 23 अप्रैल 2022, 1:12 PM (IST)

रांची। झारखंड के गुमला जिले में एक महिला ने डायन-जादू-टोना के अंधविश्वास में एक दंपति की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी। वारदात शुक्रवार देर रात की है। पुलिस के अनुसार चैनपुर थाना क्षेत्र के सदान बुकमा गांव में सुमित्रा देवी नामक महिला ने अपने ही जेठ लुदरा बड़ाइक और उसकी पत्नी फूलमइत देवी पर अचानक हमला कर दिया। उसने कुल्हाड़ी से लगातार वार कर दोनों की हत्या कर दी। इसके बाद रात में ही वह कुल्हाड़ी लेकर चैनपुर थाना पहुंच गयी और पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। थाना जाने से पहले सुमित्रा ने पूरे गांव में शोर मचाकर सबको बताया कि उसने ही अपने जेठ और गोतनी की हत्या की है। पुलिस ने इस मामले में सुमित्रा देवी के बेटे रवींद्र बड़ाइक को भी हिरासत में लिया है।

झारखंड में डायन-भूत के अंधविश्वास में प्रतिवर्ष औसतन 55 से 60 हत्याएं हो जाती हैं। पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई के बावजूद इस तरह की घटनाएं रुक नहीं रही हैं। इस साल अब तक डायन-ओझा के नाम पर पूरे राज्य में कम से कम नौ हत्याएं हुई हैं।

पिछले 100 दिनों में डायन के नाम पर दरिंदगी की सात बड़ी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। बीते 30 जनवरी को झारखंड की राजधानी रांची स्थित राज्य के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल रिम्स की नर्स सलोमी मिंज सहित चार लोगों को खूंटी जिले की पुलिस ने गिरफ्तार किया। इन सभी ने 27 जनवरी को नोरा लकड़ा नामक एक महिला को डायन करार देकर उसकी हत्या कर दी थी और उसकी लाश एक कार में रखकर खूंटी थाना क्षेत्र के जंगल में फेंक दी थी।

12 जनवरी की रात सिमडेगा में ठेठईटांगर थाना क्षेत्र के कुड़पानी गांव की रहने वाली झरियो को फुलरेंस नामक व्यक्ति ने डायन बताते हुए अपनी पत्नी की मौत का जिम्मेदार ठहरा दिया। इसके बाद फुलरेंस ने अपने साथियों के साथ मिलकर झरियो देवी पर पुआल और तेल डालकर आग लगा दी। 5 जनवरी को खूंटी जिला अंतर्गत अड़की थाना क्षेत्र के तिरला गांव में डायन और जादू-टोना के अंधविश्वास में दंपती की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। हत्यारों के खौफ के चलते गांव में यह मामला पूरे पांच दिनों तक दबा रहा था।

दो जनवरी को गुमला जिले के सिसई थाना क्षेत्र के लकया गांव में कुछ लोगों ने एक महिला को डायन करार दिया। महिला के दो पुत्रों संजय उरांव और अजय उरांव ने विरोध किया तो दस लोगों ने मिलकर दोनों को पकड़कर खंभे में बांध दिया। बेरहमी से पीटा। इतना ही नहीं, अजय उरांव की बाईं आंख भी फोड़ दी गई थी।

--आईएएनएस

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