हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार महावीर बजरंगबली का जन्म चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र और मेष लग्न के योग में हुआ था। इस दिन हनुमान जी का जन्मदिन मनाया जाता है, जिसे हनुमान जयंती कहते हैं। इस साल हनुमान जयंती 16 अप्रैल 2022 को मनाई जाएगी। यह दिन पवनपुत्र बजरंगबली की पूजा करने, उनको प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त कर लेने का सबसे उत्तम दिन है। हनुमान जयंती के अवसर पर आप हनुमान जी के प्रभावशाली मंत्रों का जाप करें, इसके प्रभाव से बड़े से बड़े संकट दूर हो जाएंगे और कार्यों में सफलता मिलेगी। आपका जो भी मनोरथ होगा, वह हनुमान जी के आशीर्वाद से पूर्ण हो जाएगा। आइए डालते हैं एक नजर हनुमान जी के इन प्रभावशाली मंत्रों पर—
ओम हं हनुमते नम:
इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को कोर्ट से जुड़े मामलों में लाभ मिलता है। हो सकता है कि किसी केस में फैसला आपके पक्ष में आ जाए या आपको कोर्ट की तरफ से कोई राहत मिल जाए।
ओम नमो भगवते हनुमते नम:
आपके परिवार में सुख एवं शांति नहीं है, हमेशा क्लेश रहता है। परिजनों में बेवजह वाद विवाद होता रहता है, ऐसे में आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र के प्रभाव से लोगों के जीवन में सुख एवं शांति आ सकती है।
नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा
हनुमान चालीसा के चौपाई की इस लाइन को मंत्र के रूप में जपने से व्यक्ति को कोई भी रोग या कष्ट नहीं होता है। उस पर हनुमान जी की कृपा होती है और वह सभी प्रकार के रोग एवं पीड़ा से मुक्त होता है।
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥
हनुमान जी के इस मंत्र का जाप कार्यों में सफलता एवं संकटों से सुरक्षा प्रदान करता है।
मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठ।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
इस मंत्र का जाप करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं, वे अपने भक्तों को सुख एवं समृद्धि प्रदान करते हैं। उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं और दुखों को दूर करते हैं।
ओम हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट
हनुमान जी के इस मंत्र का जाप शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने और उनसे उत्पन्न संकटों को दूर करने के लिए किया जाता है।
ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
हनुमान जी के इस मंत्र का जाप शत्रुओं को परास्त करने, रोगों को दूर करने और संकटों से रक्षा के लिए किया जाता है।
आवश्यक निर्देश—हनुमानजी के मंत्रों का जाप रूद्राक्ष की माला से करना चाहिए। हनुमान जी रुद्रावतार हैं।
आलेख में दी गई जानकारियों को लेकर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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