रांची । 70 के दशक में भालाफेंक की
राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीतने वाली झारखंड
की मारिया गोरोती खलखो को फेफड़े की बीमारी ने बेदम कर दिया है। जब तक
मारिया की बाजुओं में दम रहा, वह खेल के मैदान पर डटी रहीं। दर्जनों
एथलीटों को भालाफेंक के गुर में माहिर बनाने वाली मारिया आज जब उम्र के
चौथे पड़ाव पर हैं, तो उन्हें बिस्तर से उठने के लिए मदद की सख्त दरकार है।
वह रांची के नामकुम इलाके में अपनी बहन के घर बिस्तर पर पड़ी हैं। उनके
इलाज और दवाइयों तक के लिए पैसे नहीं जुट पा रहे हैं। हालांकि झारखंड सरकार
के खेल निदेशालय ने मारिया की स्थिति का जानकारी मिलने के बाद गुरुवार शाम
को उन्हें तत्काल सहायता के रूप में 25 हजार रुपये का चेक उपलब्ध कराया
है।
मारिया ने खेल के मैदान में मेडल खूब बटोरे और इस जुनून में
उन्होंने शादी तक नहीं की। 1974 में वह जब आठवीं क्लास की छात्रा थीं, तब
नेशनल लेवल के जेवलिन मीट में गोल्ड मेडल हासिल किया था। इसके अलावा ऑल
इंडिया रूरल समिट में भी उन्होंने जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीता था।
1975 में मणिपुर में आयोजित नेशनल स्कूल कंपीटिशन में गोल्ड मेडल हासिल
किया। 1975 -76 में जालंधर में अंतर्राष्ट्रीय जेवलिन मीट का आयोजन हुआ तो
वहां भी मारिया के हिस्से हमेशा की तरह गोल्ड आया। 1976-77 में भी उन्होंने
कई नेशनल-रिजनल प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
80
के दशक में वह जेवलिन थ्रो की कोच की भूमिका में आ गईं। 1988 से 2018 तक
उन्होंने झारखंड के लातेहार जिले के महुआडांड़ स्थित सरकारी ट्रेनिंग सेंटर
में मात्र आठ-दस हजार के वेतन पर कोच के रूप में सेवाएं दीं। मारिया से
भाला फेंकने के गुर सीख चुकीं याशिका कुजूर, एंब्रेसिया कुजूर, प्रतिमा
खलखो, रीमा लकड़ा जैसी एथलीट ने देश-विदेश की कई प्रतियोगिताओं में मेडल
जीते हैं।
दो साल पहले मारिया को फेफड़े की बीमारी ने घेरा। मीडिया
में खबरें छपीं तो राज्य सरकार के खेल विभाग ने खिलाड़ी कल्याण कोष से एक
लाख रुपये की मदद दी थी, लेकिन महंगी दवाइयों और इलाज के दौर में यह राशि
जल्द ही खत्म हो गई। 63 साल की हो चुकीं मारिया इन दिनों अपनी बहन के घर पर
रहती हैं। उनकी बहन की भी माली हालत ठीक नहीं। घर में कोई कमाने वाला
नहीं।
डॉक्टरों ने दूध, अंडा और पौष्टिक आहार लेने की सलाह दी है,
लेकिन जब पेट भरने का इंतजाम भी बहुत मुश्किल से हो रहा है, तो पौष्टिक
आहार कहां से आए? बुधवार को रांची जिला कबड्डी संघ के पदाधिकारियों ने
मारिया से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना। संघ ने सरकार से उनकी मदद करने की
गुहार लगाई है।
--आईएएनएस
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