यूपी में गणतंत्र दिवस की धूम, राज्यपाल ने किया ध्वजारोहण, झांकियां रहीं आकर्षण का केन्द्र

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 26 जनवरी 2022, 4:27 PM (IST)

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गणतंत्र दिवस आज बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा है। राजधानी लखनऊ में बुधवार को गणतंत्र दिवस समारोह विधान भवन के सामने आयोजित किया गया। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने विधानभवन के सामने झंडारोहण किया। इसके बाद उन्होंने परेड का अभिवादन स्वीकार किया। परेड का नेतृत्व सेना के कमांडर ने किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। विधानभवन के सामने आयेजित गणतंत्र समारोह में झांकियां आकर्षण केन्द्र बिन्दु रही। इस दौरान कई विभागों ने झाकियां निकाली। सीएमएस सहित कई स्कूल के बच्चो ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गणतंत्र दिवस पर अपने आवास पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने देश के बलिदानियों को नमन करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस स्वाधीनता सेनानियों के त्याग एवं बलिदान का स्मरण कराने के साथ हमें संवैधानिक कर्तव्यों के निर्वहन के प्रति प्रेरित भी करता है। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इसमें योगदान देने वाले सभी लोगों को शुभकामनाएं।

कहा कि देश के संविधान ने पिछड़े वर्गों को अधिकार दिए हैं। देश का संविधान प्रत्येक नागरिक को न केवल सम्मान के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहा है, बल्कि देश दुनिया के सबसे जीवंत लोकतंत्र के तौर पर अपनी यात्रा को आगे बढ़ा रहा है। आज जब यह देश अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है तो हम सभी को गौरव की अनुभूति करनी चाहिए।

उधर समाजवादी पार्टी में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव की मौजूदगी में झंडा रोहण किया। इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सभी को बधाई दी।

बसपा मुखिया मायावती ने गणतंत्र दिवस पर बधाई दी। कहा कि गणतंत्र दिवस की सभी भारतीयों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। देश की गरीब मेहनतकश जनता संविधान को सार्थक बनाने हेतु हमेशा कटिबद्ध, किन्तु सरकारों को बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई आदि को दूर करके गरीब व अमीर के बीच अपार खाई कम करने के प्रति गंभीर व समर्पित होना जरूरी।

उन्होंने आगे कहा कि परमपूज्य डा. भीमराव अम्बेडकर ने न्याय, स्वतंत्रता व समता के जिस गरिमामय 'आइडिया आफ इण्डिया' को अनुपम संविधान का मूल बनाया था वह मानवतावादी महान उद्देश्य भारतीय गणतंत्र के 72 वर्ष बाद भी काफी आधा-अधूरा, ऐसा क्यों? इसके लिए दोषारोपण के बजाय ईमानदार आत्म-चिन्तन जरूरी।

--आईएएनएस

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